जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही रास : शास्त्री

टेकरेश्वर धाम में मनाया कृष्ण-रुकमणी विवाह उत्सव
अजमेर, 29 मई। जीवात्मा रूपी बीज का रोपण करने के लिए गोपियों ने परमात्मा के हृदय में स्थान मांगा। जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही रास है। ठाकुरजी सर्वत्र हैं। इन्हें कण-कण में महसूस कीजिए। पंडित रविशंकर शास्त्री ने गणेश नगर स्थित टेकरेश्वर धाम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में यह प्रवचन दिए।
कथावाचक ने विवाह प्रसंग सुनाते हुए कहा कि लौकिक संबंध प्रभु से जोड़ लो तो श्रेष्ठ बन जाओगे। गोपियों ने संसार को परमात्मा से प्रेम करना सीखाया। सच्चा प्रेम परमात्मा से ही संभव है। वर्तमान में प्रेम की जगह आसक्ति आ गई है। प्रेम सदैव बढ़ता है जबकि आसक्ति निरंतर घटती है। परमात्मा से प्रेम आनंद व सुख देता है। मनुष्य से आसक्ति विरह और विलाप की वजह बनती है। सुमित सारस्वत ने बताया कि कथा में राधिका ने श्रीकृष्ण व अलका प्रजापति ने रुकमणी के रूप में विवाह प्रसंग का सजीव मंचन किया। बुधवार को फूलों से बृज होली खेली जाएगी व कृष्ण-सुदामा प्रसंग का गुणानुवाद होगा। कथा में फूलचंद प्रजापति, कैलाशचंद, उमंग शर्मा, मनीष शर्मा, कन्हैयालाल प्रजापति, आशा प्रजापति, संगीता, प्रियंका, शकुंतला दाधीच, महेश जोशी, द्वारकाप्रसाद दाधीच, रामरतन, मुन्नालाल सहित कई भक्त शामिल हुए।

सुमित सारस्वत
मो.09462737273

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