सवाई माधोपुर के बाैली गांव में बीसलपुर का पानी देना दुर्भाग्यपूर्ण

अजमेर! अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री शिवकुमार बंसल , युवा कांग्रेस अजमेर लोकसभा के अध्यक्ष श्री राकेश शर्मा , प्रदेश सचिव श्री शक्ति प्रताप सिंह राठौड़, एनएसयूआई के जिलाध्य्क्ष नवीन सोनी ने सवाई माधोपुर जिले के बौंली क्षेत्र मैं बीसलपुर बांध से नियमित पेयजल सप्लाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेसी नेताओं ने बताया कि आज 8 जून 2018 को राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने इस क्षेत्र में बीसलपुर के पानी की सप्लाई के लिए एक परियोजना का उद्घाटन किया जोकि अजमेर जिले के नए भाजपा नेताओं के लिए एक शर्मनाक है!
उन्होंने कहा कि कि बीसलपुर बांध से जयपुर जिले को पहले ही 600 एमएलडी पानी प्रतिदिन दिया जा रहा है जबकि अजमेर को 280 एमएलडी पानी ही मिल रहा है।
कांग्रेसी नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य जारी कर अफसोस जताया कि जयपुर में प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई और नए क्षेत्रों में बीसलपुर बांध से पानी लेने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं, वहीं अजमेर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में भीषण गर्मी में 3-4 दिन में मात्र एक घंटे के लिए पेयजल की सप्लाई हो रही है।
उन्होंने कहा कि देहात क्षेत्र के भाजपा विधयकों को अपने-अपने क्षेत्रों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पूरे जिले में पानी की त्राहि-त्राहि मची हुई है, लेकिन आम लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है। हालांकि बीसलपुर बांध में पर्याप्त मात्रा में पानी है और अजमेर की प्यास बुझाने के लिए ही बांध का निर्माण बनास नदी पर किया गया था। यह माना कि बांध में पर्याप्त पानी होने की वजह से जयपुर और भीलवाड़ा के बाद सवाई माधोपुर को भी पानी पिलाया जा सकता है, लेकिन बीसलपुर बांध के पानी पर पहला हक अजमेर जिले के नागरिकांे का है। उन्होंने अजमेर के लोग ही प्यासे हो तो फिर सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की काबिलियत पर प्रश्नचिन्ह लगता है। असल में पेयजल की समस्या के समाधान में सत्तारूढ़ पार्टी के नेता एकजुट नहीं है। भा ज पा नेताओं में इतनी हिम्मत नहीं कि एकजुट होकर सीएम वसुंधरा राजे के सामने समस्या को रख सके। अजमेर के भाजपा नेता भले ही दूसरे जिलों में सप्लाई का विरोध नहीं कर सके, लेकिन अजमेर की समस्या को तो प्रभावी ढंग से रख ही सकते हैं। जब अजमेर के लोगों को 3-4 दिन में एक बार पानी मिल रहा है पर भाजपा के नेताओं को शर्म का अहसास तक नहीं है।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि अजमेर के लोगों की उपेक्षा करने का परिणाम भाजपा लोकसभा के चुनाव में भुगत चुकी है। संसदीय क्षेत्र के आठों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। यदि जनता की पेयजल की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

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