इतिहास और संस्कृति की झलक दिखाएगी हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी

अजमेर, 11 जून। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर के किले में बन रही हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी अजमेर की विरासत है। लाइब्रेरी में वे दुर्लभ फिल्में मौजूद हैं जो देश की आजादी, संस्कृति, वीरता, राष्ट्र नायकों और इतिहास की बड़ी घटनाओं को दर्शाती हैं। अजमेर के किले में बन रही लाइब्रेरी में इन्हीं राष्ट्र नायकों और देश के सामाजिक ताने-बाने को प्रदर्शित किया जाएगा।
शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने आज अजमेर के किले में बन रही हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी के कार्य का अवलोकन किया। उन्होंने जानकारी दी कि लाइब्रेरी में करीब 4000 दुर्लभ फिल्में संरक्षित रहेंगी। इनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, महान सुभाष चंद्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, भारत-पाकिस्तान युद्ध, देश में लगने वाले मेलों तथा देश के इतिहास व संस्कृति से जुड़ें वो अनमोल फुटेज शामिल हैं, जो आज विपुल धनराशि खर्च करने के बाद भी नहीं मिलेंगे। इनमें से करीब 1600 फिल्मों को डिजीटल रूप में संरक्षित किया जा रहा है। जल्द ही यह फिल्में लाइब्रेरी में आमजन के देखने के लिए उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने राज्य की विरासत को संरक्षित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत बजट में फिल्म लाइब्रेरी बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए दो करोड़ रुपए का विशेष बजट भी आवंटित किया गया है। लाइब्रेरी को हैरिटेज लुक दिया गया है। यहां 16-16 सीटों के दो मिनी थियेटर बना गए हैं। इनमें नाममात्र का शुल्क देकर फिल्मेें देखी जा सकेंगी। इसके अलावा यहां छह कियोस्क बनाई जा रही हैं जहां शुल्क देकर पर्यटक अपनी मनचाही फिल्म एकल रूप में देख सकते हैं। इसके साथ यहां वाचनालय तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
श्री देवनानी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लाइब्रेरी में फिल्मी अभिनेताओं को अधिक महत्व देने के बजाए राष्ट्र नायकों, देश के वीर सपूतों, स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहने वालों, देश के विद्वानों, विदूषी महिलाओं, खिलाडियों, अजमेर के वीर सपूत सम्राट पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, शहीद हेमू कालानी, आर्यभट्ट, ब्रह्मभट्ट जैसे विद्वानों तथा मातृशक्ति आदि के चित्र प्रदर्शित किए जाएं। लाइब्रेरी का काम शीघ्र पूरा किया जाए।
शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि हैरिटेज फिल्म लाइब्रेरी अजमेर के पर्यटन में मील का पत्थर साबित होगी। राजकीय संग्रहालय बहुत कम अवधि में पर्यटन की धुरी बन चुका है। लाइब्रेरी भी इसके साथ ही खुल जाने से पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी। इस अवसर पर अजमेर के किले के संग्रहालय अध्यक्ष नीरज त्रिपाठी सहित अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित थे।

शहीदों के आश्रितों को छात्रवृति आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवम्बर

अजमेर, 11 जून। पुनर्वास तथा कल्याण अनुभाग, भारतीय सेना वैटरन्स निदेशालय दिल्ली द्वारा शहीदों के आश्रितों को विभिन्न श्रेणियों में छात्रवृति के लिए 30 नवम्बर तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदक अजमेर स्थित जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस पर उपस्थित होकर जानकारी ले सकते हैं तथा आवदेन कर सकते हैं।
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया कि बैटल कैजुअलिटी (फैटल), फिजीकल कैजुअलिटी (फैटल) व बैटल कैजुअलिटी (डिसएबल्ड) शहीद सैनिकों एवं विकलांग सैनिकों के आश्रितों को छात्रवृति व आर्थिक सुविधांए दी जा रही है। इन्हें कक्षा एक से 8 तक दस हजार रूपये प्रति वर्ष, कक्षा 9 से 12 तक 14 हजार रूपये प्रति वर्ष, स्नातक तक 20 हजार रूपये प्रति वर्ष, स्नात्कोत्तर 25 हजार रूपये प्रति वर्ष, प्रोफेशन कोर्स के लिए 50 हजार रूपये प्रति वर्ष, कम्प्युटर के लिए 35 हजार रूपये एक बार तथा पुत्री के विवाह के लिए एक लाख रूपये की आर्थिक सहायता देय है।
उन्होंने बताया कि अजमेर जिले के ऑन डयूटी मृत्यु होने वाले सैनिक, शहीद सैनिक एवं विकलांग सैनिकों के आश्रित अजमेर स्थित जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस पर उपस्थित होकर या दूरभाष नम्बर 0145-2627972 पर संपर्क कर सकते हैं। शैक्षणिक वर्ष 2017-18 की छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवम्बर रखी गई है।

राजस्व मण्डल परिसर में ई-मित्र प्लस कियोस्क का शुभारंभ

अजमेर, 11 जून। राजस्व मण्डल के अध्यक्ष श्री वी. श्रीनिवास ने मण्डल परिसर में सोमवार को ई-मित्र प्लस कियोस्क का शुभारंभ किया।
राजस्व मण्डल के अध्यक्ष श्री वी. श्रीनिवास ने कहा कि राज्य की 9 हजार 872 ग्राम पंचायतो को ई-मित्र प्लस कियोस्क की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यह मशीन प्रत्येक ग्राम पंचायत के अटल सेवा केन्द्र में स्थापित की गई है। इसकी स्थापना से नागरिकों को सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में नये युग की शुरूआत होगी। ग्रामीण इसके माध्यम से ई-मित्र पर उपलब्ध समस्त सुविधाओं का सीधे उपयोग कर सकेंगे। इस कियोस्क के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर वीडियो कॉनफे्रसिंग की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि ई-मित्र प्लस कियोस्क से ग्रामीण स्वयं कार्य कर सकेंगे। अपने आवेदनों एवं प्रमाण पत्रों पर सीधी नजर रख सकेंगे। ग्रामीण प्रमुख बैंकों के अपने खाते का संचालन भी इसके माध्यम से कर रहें हैं। इसके कारण सेवाओं की पहुंच प्रत्येक नागरिक तक हो पायेगी। मानवीय हस्तक्षेप कम से कम होने से पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से कार्य हो पायेगा।
उन्होंने कहा कि राजस्व से संबंधित प्रकरणों का स्टेट्स ऑनलाइन इस कियोस्क के द्वारा पता किये जा सकेगे। इससे ग्रामीणों को राजस्व प्रकरणों के संबंध में अद्यतन जानकारी प्राप्त हो सकेगी। राजस्व न्यायालयों के निर्णय ऑनलाइन होने से भी ग्रामीणों को सुविधा मिलेगी।
इस अवसर पर राजस्व मंडल की रजिस्ट्रार श्रीमती विनिता श्रीवास्तव, सदस्य श्री सुरजभान जैमन, श्री राकेश जायसवाल, श्री इन्द्रसिंह राव, श्री एम. एल. नेहरा, श्री महावीर सिंह तथा उपनिबंधक श्री सुरेश सिंधी उपस्थित थे।

ई-मित्र प्लस पर मंगलवार को होगा आरसीएमएस पोर्टल लॉच

अजमेर, 11 जून। राजस्व से संबंधित प्रकरणों को आरसीएमएस पोर्टल पर मंगलवार को नागौर के रोहिणी गांव में राजस्व मंत्री श्री अमराराम के द्वारा लॉच किया जाएगा।
राजस्व मंडल के अध्यक्ष श्री वी. श्रीनिवास ने बताया कि ई-मित्र प्लस पर आरसीएमएस पोर्टल की औपचारिक शुरूआत के साथ ही राज्य के समस्त राजस्व प्रकरणों का विवरण ऑनलाइन देखा जा सकेगा। ई-मित्र प्लस के साथ इसके जुड़ने से ग्रामीण क्षेत्र आधुनिक तकनीक के साथ कदम मिलाकर चलेंगे। मण्डल का यह नवाचार जहां एक तरफ आम जनता को राहत प्रदान करेगा वहीं पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
राजस्व मंडल के अध्यक्ष ने बताया कि राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता लाने, मंडल द्वारा निर्णय अपलोड करने के साथ ही सभी राजस्व न्यायालयों यथा जिला कलेक्टर, ए.डी.एम, उपखण्ड अधिकारियों व तहसीलदार द्वारा सुनवाई किये जाने वाले प्रकरणों की सूची (कॉज लिस्ट) एवं निर्णय आर.सी.एम.एस वेब पोर्टल पर डाले जा रहे हैं। अब तक लगभग 2 लाख 15 हजार निर्णय ऑनलाइन किये जा चुके हैं साथ ही 5 लाख 74 हजार प्रकरणों का स्टेटस भी ऑनलाइन उपलब्ध है।
मण्डल अध्यक्ष ने बताया कि राज्य के समस्त उपपंजीयक कार्यालयों में होने वाले पंजीकृत दस्तावेजों की सूचना संबंधित तहसील में कम्प्यूटर के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगी। ई-मित्र प्लस से जुड़ने का सकारात्मक परिणाम यह होगा कि अब तक सम्पूर्ण राजस्थान में लगभग 2 लाख निर्णय जो कि सहायक कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, अतिरिक्त कलक्टर, कलक्टर, राजस्व अपील प्राधिकारी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, संभागीय आयुक्त से संबंधित थे, ऑनलाईन देखे जा सकेगे।

उन्होंने बताया कि पक्षकारों को भेजे जाने वाले सम्मन, नोटिस, अधीनस्थ न्यायालयों से रिकॉर्ड तलब करने का कार्य भी आरसीएमएस पोर्टल के जरिए से किया जा सकेगा। पक्षकारों एवं अनके अभिभाषकों को आरसीएमएस पोर्टल के माध्यम से उनके प्रकरणों की समस्त जानकारी ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी।

error: Content is protected !!