सुमरण को जीवन का आधार बनाएं

केकड़ी:– आज इंसान भरमों के कारण पल पल भय में जी रहा है। उसे हर पल परमात्मा का स्मरण कर निर्भय प्रभु परमात्मा से जुड़ना होगा।हर जीव की रक्षा करने वाला,पालने वाला स्वयं प्रभु परमात्मा है।उक्त उद्गार संत कालूराम ने अजमेर रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
मंडल प्रवक्ता राम चन्द टहलानी के अनुसार संत कालूराम ने कहा कि इंसान को सुमरन को जीवन का आधार बनाना चाहिए। परमात्मा के सुमिरन से ही जीव भव से पार हो पाता है और परमात्मा की पहचान सद्गुरु द्वारा ही संभव है। मैं ईश्वर का अंश हूं,ईश्वर की अंश आत्मा मेरे शरीर में निवास कर रही है मुझे परमात्मा का सुमरन कर परमात्मा से जुड़ना होगा।
जिस प्रकार मछली पानी में रहती है उसके चारों ओर पानी ही पानी है और पानी ही उसका जीवन है, ठीक इसी प्रकार हम परमात्मा के अंश से हैं और हमारे चारों ओर अंग संग प्रभु परमात्मा स्वयं है इसका एहसास हर पल बनाए रखना होगा।
आज इंसान दूसरों में कमियां निकालता है पर अपनी कमियों की ओर नहीं देखता है हमें संकीर्णता से बाहर आना होगा अपनी सोच को विशाल बनाना होगा तभी हम विशाल परमात्मा से जुड़ पाएंगे।
दुनिया के सारे रिश्ते नाते क्षणभंगुर हैं समय के साथ समाप्त हो जाते हैं पर परमपिता परमात्मा का रिश्ता अनमोल है इसे जुड़ने पर इसके साथ मिलकर ही इकमिक हो जाना है इसलिए जीवन में परमात्मा के सुमिरन की कभी कमी ना होने दें। हमेशा दिल में क्षमा का भाव बनाए रखना है क्षमा का भाव रखने से इंसान संकीर्णताओं से ऊपर उठकर विशाल हृदय वाला बनता है।एक प्रभु परमात्मा को जिसने जान लिया,पहचान लिया उसे से जुड़ गया फिर उसके जीवन में आनंद ही आनंद है।
सत्संग के दौरान मंजू,चेतन,रेणू,दुर्गालाल,दिव्या,रेशमा,संगीता, सिल्की,नमन,निशा,पूजा,नितेश, प्रेम,ऋशिता,गुनगुन,गोपाल,उमेश, अशोक रंगवानी आदि ने गीत विचार भजन प्रस्तुत किए संचालन नरेश कारिहा ने किया।

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