ईश्वर के साथ तनाव भी सर्वव्यापी

आर्ट ऑफ लिविंग के ‘हैप्पीनेस कोर्स’ का समापन
रविवार को अजमेर रोड़ स्थित परशुराम भवन में पिछले 4 दिनों से चल रहे आर्ट ऑफ लिविंग के ‘हैप्पीनेस कोर्स (आनन्दोत्सव)’ का समापन हुआ। कोर्स में शहर के कई लोगों ने हिस्सा लिया। हैप्पीनेस कोर्स को विधिवत कराने हेतु जयपुर से आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक अक्षय मित्तल को बुलाया गया जिन्होंने उपस्थित अभ्यर्थियों को ‘जीवन जीने की कला’ के कुछ मजेदार और आसान टिप्स बताए। ब्यावर की आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षिका ऋतु अग्रवाल ने इस आयोजन को संचालित किया एवं कोर्स के सफलतम् समापन पर सभी का धन्यवाद देते हुए आभार जताया।
समापन समारोह के मौके पर ऋतु अग्रवाल ने बताया कि आर्ट ऑफ लिविंग की प्रशिक्षिका बनने के बाद उन्होंने 8-10 हैप्पीनेस कोर्स संचालित किये हैं जिसके जरिए अब तक सैकड़ों लोगों को जोड़ा जा चुका है। जयपुर से आए अक्षय मित्तल ने बताया कि ‘हैप्पीनेस कोर्स’ के जरिए वे लोगों को ‘मेडिटेशन’, ‘वर्तमान में जीना’, ‘योगा एवं प्राणायाम का महत्व’, ‘सकारात्मक रवैया कैसे अपनाया जाए’, ‘हमेशा खुश कैसे रहें’, ‘एकाग्रचित ध्येय’ जैसे विषयों की जानकारी तो देते ही है साथ ही इन्हें निरन्तर जीवन का हिस्सा कैसे बनाया जाए इस तकनीक को भी सिखाते हैं।
कोर्स में उपस्थिति कई माता-पिता व बच्चों ने पढ़ाई के दौरान आने वाली परेशानियों के बारे में चर्चा की और किस तरह परीक्षा से पहले बच्चों की तैयारी अच्छी तरह हो सके इसके कुछ रोचक टिप्स भी जाने। श्री मित्तल ने अपने निजी जीवन का उदाहरण रखते हुए बताया कि उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से कैसे 52 प्रतिशत अंकों से 93 प्रतिशत अंकों तक का सफर तय किया।
श्री मित्तल ने एक साक्षात्कार के जरिए कहाकि ‘ईश्वर के साथ-साथ संसार में केवल एक ही चीज है जो सर्वव्यापी है और वह है तनाव।’ उन्होंने इसके पीछे का अर्थ बताते हुए कहाकि हर उम्र के व्यक्ति को तनाव है। अबोध बच्चे को छोड़ दें तो उम्र के आखरी पड़ाव तक कहीं न कहीं किसी रूप में व्यक्ति को तनाव घेरे हुए है। आर्ट ऑफ लिविंग का हैप्पीनेस कोर्स ऐसे ही तनाव से आपके जीवन को दूर करने की कोशिश करने में मदद करता है।
शिविर में अनुभव जैन, खुशाल खत्री, नरेन्द्र आनन्दानी, समृद्घि गर्ग, प्रगति गर्ग, आदि लोगों ने भी अपनी सेवाएं दी।

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