◆ *ना किसी गरीब का ठेला पलटा , ना आगजनी हुई , ना गाड़ियां फूंकी गई , ना ट्रेन रोकी गई , ना किसी से मारपीट और ना ही डंडे के जोर पर बाजार बंद की कोशिश – फिर भी भारत बंद सफल •••••*
◆ *एससीएसटी एक्ट के खिलाफ शांति पूर्ण तरीके से हुए भारत बंद से सीख ले बाकी के सभी जाति , धर्म और समाज के लोग। अहिंसावादी तरीके से भी किया जा सकता है विरोध प्रदर्शन •••••*
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार द्वारा एससीएसटी एक्ट में लाये गए अध्यादेश के खिलाफ आज सवर्ण एवं ओबीसी समाज के लोगो द्वारा किये गए विरोध प्रदर्शन में भारत बन्द पूर्णत सफल रहा । राजस्थान , मध्यप्रदेश , गुजरात , उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , हरियाणा , दिल्ली , सहित देश के अन्य सभी प्रदेशो में शांतिपूर्ण तरीके से किया बन्द शत प्रतिशत सफल रहा । इस दौरान खास बात यह रही कि ना तो किसी गरीब सब्जी वाले का ठेला गिराकर नुकसान पहुंचाया गया , ना किसी टेम्पो और कार चालक के शीशे तोड़े गए , ना कही डंडे के जोर पर दुकानदारों को डराकर बाजार बंद करवाये गए , ना कही किसी के भी साथ मारपीट कर दहशत फैलाई गई , ना ट्रेन रोकी गई , ना पटड़ियाँ उखाड़ी गई , और ना ही बंद के दौरान किसी स्कूली बच्चे , राहगीर या आम नागरिक को कोई परेशानी पैदा होने दी । फिर भी भारत बंद सफल रहा । यह किसी चमत्कार से कम नही है ।
आज देश के कई बड़े शहर और पूरे राज्य बन्द में शामिल रहे । परंतु देश के किसी भी हिस्से से ऐसी एक भी खबर नही आई कि वहां तो किसी भी नागरिक के साथ कुछ गलत हुआ हो । यही फर्क होता है देश के जिम्मेदार , ईमानदार , मेहनती और पढ़े लिखे लोगो मे । उनकी सकारात्मक सोच में , देश के पैसे की बर्बादी नही बल्कि देश को आगे बढ़ाने की कोशिश करने वालो में । वरना इतना कुछ होने के चलते कही तो कुछ हुआ होता । लेकिन मेरे देश के सवर्ण और ओबीसी समाज के लोगो ने आज पूरी दुनिया के सामने यह एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत कर सभी को दिखा दिया है की शांति पूर्ण तरीके से भी विरोध प्रदर्शन करके देश की सरकारों तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है । चाहते तो आज भी आक्रोशित लोगों द्वारा दलित समाज के लोगो द्वारा आंदोलन के नाम पर पैदा किये गए अराजकता के माहौल की पुनरावृत्ति की जा सकती थी परंतु इनके लिए देश पहले है , देश की संपत्ति पहले है , फिर अपनी समस्या है ।
आज हुए इस प्रदर्शन के बाद उन लोगो को इससे सीख लेनी चाहिए जो तोड़फोड़ करके , गरीबो की दुकानें उजाड़कर , बाजार बंद करवाने में ही अपनी शान समझते है । हो सकता है वे भी किसी बात को लेकर नाराज हो , किसी फैसले से उन्हें भी तकलीफ हुई हो । परंतु हर तरह का विरोध संविधान के दायरे में रहकर , शांति पूर्ण तरीके से ही किया जाना चाहिए जैसा आज सवर्णउ समाज ने करके दिखा दिया । देशभर में चले इतने बड़े आंदोलन के बावजूद एक भी हिंसा की घटना ना होने के लिए पॉवर ऑफ नेशन देश की जनता को सलाम करता है । और उम्मीद करता है कि देश की केंद्र सरकार के नेता और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस समाज की पीड़ा को समझेंगे और कोई ऐसा कदम उठाएंगे जिससे सवर्ण , ओबीसी और दलित सभी समाजो का भला हो , किसी को कोई गिला शिकवा ना रहे और हर समाज हमेशा की तरह आपस मे प्रेम और भाई चारे के साथ आगे बढ़कर देश की तरक्की में भागीदार बने।
*पुष्कर बन्द भी रहा पूरी तरह से सफल ••••*
देश के बाकी शहरो की तरह आज अजमेर , ब्यावर , किशनगढ़ , नसीराबाद , पुष्कर सहित अन्य कस्बे भी पूरी तरह से बंद रहे । हालांकि बन्द के दौरान पुष्कर घूमने आए कुछ तीर्थ यात्रीयो को खरीददारी ना कर पाने का मलाल रहा लेकिन उनके लिए खाने पीने की दुकान खुली रही ताकि किसी को कोई परेशानी ना हो । यहां भी पुरोहित समाज सहित कई स्वयं सेवी संस्थाएं , व्यापारी और आम नागरिकों ने जुलूस निकालकर उपखंड अधिकारी हरि सिंह लंबोरा के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा । इस दौरान पुलिस थाना प्रभारी नरेश शर्मा मय जाप्ते के साथ मुस्तैद रहे और जुलूस के साथ नगर में गश्त करते नजर आए ।
*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
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