रामायण सर्किट के विकास पर काम करने की जरूरत

रामायण सर्किट के विकास पर यदि दक्षिण एषिया के देष काम करें तो पर्यटन उद्योग इन देषों की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो सकता है दक्षिण एषिया के अनेक देषों में रामायण महाभारत व षक्तिपीठ सहित अनेक ऐसे कारण विद्यमान है जो दक्षिण एषिया की ओर र्प्यअकों को आर्कषित कर सकते है यह बात गुरूवार को दयानन्द महाविद्यालय में आयोजित अन्तरार्श्ट्रिय सेमीनार मंे बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉ जी जी सक्सेना ने कही। पूर्व भारतीय प्रषासनिक सेवा के अधिकारी तथा दिल्ली र्प्यटन निगम के सचिव रहे डॉ सक्सेना ने बताया कि दक्षिण एषिया के सभी देषों में अनेक भौगोलिक राजनैतिक सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक प्राकृतिक कारक ऐसे है जो कि सभी देषों में समान है यदि उक्त सभी कारकों पर सकारात्मक रूप से कार्य किया जाए तो दक्षिण एषिया के देषों की अर्थव्यवस्था के लिए र्प्यटन उद्योग मिल का पत्थर साबित हो सकता है

दयानन्द महाविद्यालय के सभागार में एक्पलोरिंग कान्टेक्ट ऑफ टूयूरिजम एण्ड हैरिटेज इन साउथ ऐषिया विशय पर बोलते हुए डॉ सक्सेना ने बताया कि दक्षिण एषिया के देषो में र्प्यटन उद्योग के लिए आधारभूत संसाधनों की कमी, र्प्यअकों की सुरक्षा, हैल्थ व हाईजिन, राजनैतिक इच्छाषक्ति, मिलकर काम करने का मनोस्थिति, पब्लिक पाईवेट पार्टनर षिप, यातायात साधनो ंका विकास होटलों का विकास तथा र्प्यअकों के लिए एकल खिडकी माकेटिग की कमी, र्प्यअकों के लिए स्वस्थ वतावरण, प्रत्यक्ष विदेषी निवेष, कर प्रणाली सहित अनेक कारक है जिस पर दक्षिण ऐषिया के देषो को मिल कर काम करने की जरूरत है वही इन देषो में कई समानताए भी है जो कि र्प्यटन के विकास हेतु सकारात्मक है जिसमें रामायण सर्किट महाभारत सर्किट, मेडिकल प्यट्रन, सस्ता खाना व रहना, सस्ते बाजार तथा प्राकृतिक व ऐतिहासिक धार्मिक कारक जो इन देषो को आपस में जुडाव को दर्षाते है जिसको भरपूर उपयोग कर र्प्यटन को बढावा दिया जा सकता है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के किनोट स्पीकर प्रो संजय के भारद्वाज ने दक्षिण ऐषिया में र्प्यटन विकास के कई मानकों को विस्तार से बताया सेन्टर ऑफ साउथ एषिया स्टडी जवाहर लाल नेहरू विष्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रो डॉ भारद्वाज ने कहा कि र्प्यटन उद्योग दिनरात तेजी से बए रहा है जरूरत इस बात की है कि इस उद्योग को दषा व दिषा सही मिले।

इस अवसर पर वाराणसी के पघारे डॉ जी एस राठौड, डीएवी कॉलेज अमृतसर के उपाचार्य डॉ एस एन जोषी डीएवी कॉलेज नकोदर के प्राचार्य डॉ अनूप कुमार ने अपने विचार रखे अन्तर्राट्रिय संगोश्टि का उद्द्याटन अतिथियों द्वारा सरस्वती के चित्र के समक्ष दीपप्रज्जवलीत कर किया गया महाविद्यालय प्राचार्य डॉ लक्ष्मीकांत ने अतिथियों को स्वागत व परिचय करवाया। कार्यक्रम के संयोजक भारत भूशण द्वारा अंतर्राश्ट्रिय संगोश्टि के विशय में परिचय करवाया गया। महाविद्यालय मिडिया प्रभारी डॉ संत कुमार ने बताया कि उक्त संगोश्ठि में देष विदेष से 300 प्रतिभागी भाग ले रहे है तथा विभिन्न 4 सत्रो ंके माध्यम से दक्षिण एषिया के देषों में र्प्यटन के विकास हेतु अपने विचार रखेगे महाविद्यालय उपाचार्य डॉ मृत्युन्ज कुमार सिंह ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन राश्ट्रगान के साथ हुआ। डॉ संत कुमार ने बताया कि षुक्रवार को संगोश्टि का समापन होगा समापन के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ राजेष कुमार होगे। मंच का संचालन डॉ राजश्री बंसल व डॉ सुरभी षर्मा ने किया । डॉ संत कुमार मिडिया प्रभारी 9829191060

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