कालिया नाग का काल बनें कृष्ण

ब्यावर, 29 सितंबर। शहर के सुभाष उद्यान में आयोजित रसमयी रासलीला में कालिया नाग मर्दन की लीला का मंचन किया गया। स्वामी सीताराम शर्मा ने कहा कि श्रीकृष्ण की हर लीला, हर कर्म अपने आप में कोई न कोई संदेश छुपाए है। अगर आपने संदेश को जान लिया तो समझो श्रीकृष्ण को जान लिया। ऐसी ही एक लीला थी कालिया मर्दन की। कालिया नाग के फन पर सवार होकर नृत्य करने की।
उन्होंने कहा कि कालिया नाग मानो अपने भीतर मौजूद अहंकार हो। हमारा अहंकार निरंतर फुफकार मार रहा है। हमारे आसपास कोई आ नहीं सकता। लेकिन अहंकार के कालिया नाग को मिटना पड़ता है। कृष्ण इस अहंकार के फन पर खड़ा है। जीवन यमुना से वह इस कालिया नाग को भगा देता है। जीवनरूपी गोकुल के द्वेष मत्सर के बड़वानल को श्रीकृष्ण निगल जाता है। वह दंभ, पाप के राक्षसों को नष्ट कर देता है। रासलीला में कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास व मयूर नृत्य भी किया। संयोजक रामगोपाल अग्रवाल, मुन्नालाल प्रजापति, सुमित सारस्वत, शंकरलाल प्रजापति ने ठाकुरजी का पूजन किया। रासलीला में गोपाल चतुर्वेदी, सुगनचंद दगदी, देवाराम कुमावत, विष्णुकांत अवधिया, सुनील सिंहल, पार्वती गोयल, जसोदा गोयल, विजयलक्ष्मी अग्रवाल, नीता कुमावत, पूजा प्रजापति, श्वेता बंसल, कल्याणी, रवि शर्मा, गिरधर पाराशर, चंद्रशेखर, गोविंद, भगवान सहित बड़ी संख्या में रसिक भक्त शामिल हुए।

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