दयानन्द महाविद्यालय में जगजीत सिंह की पुण्यतिथि मनाई

चिट्ठी ना कोई संदेष जाने वो कौन सा देष जहॉ तुम चले गए, वो कागज की कष्ती वो बारिष का पानी, कभी यू भी तो हो, कौन आएगा यहॉ, होष वालो को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है, तूमको देखा तो ये ख्याल आया, हे राम हे राम, कोई फरियाद तेरे दिल में छुपी हो जैसे आदि गजलों की मधुर संगीत ने जगजीत सिंह की यादों को श्रोताआंे को पुनः ताजा कर दिया मौका था दयानन्द महाविद्यालय में आयोजित जगजीत सिंह की पुण्यतीथि का जहां उनके चाहने वाले छात्रों ने उनकी मषहुर गजलों की प्रस्तुती देकर उनकों सम्मान दिया। छात्र अंकित द्वारा तेरे आने की जब खबर महके, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ लक्ष्मी कांत द्वारा प्रस्तुत किसका चेहरा अब मै देखु, श्रीमती अन्नू षर्मा द्वारा ओ पालन हारे सरीखी प्रस्तुतियों ने विद्यार्थियों को मंत्र मुग्ध कर दिया महाविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ संत कुमार ने बताया कि महाविद्यालय प्राचार्य जगजीत सिंह के साथियों में से रहे है उनके साथ अनेक कार्यक्रमों में प्राचार्य डॉ लक्ष्मीकांत द्वारा गायन में सहयोग दिया गया है प्राचार्य द्वारा जगजीत सिंह की पुण्यतिथि पर उनकी मषहूर गजलों की प्रस्तुतियां देकर उन्हें याद किया। इससे पूर्व जगजीत सिंह की जीवनी का चित्रण कर विद्याथिर्यो को जानकारी दी गई साथ ही जगजीत सिंह के चित्र के सम्मुख पुश्पांजली अर्पित कर सम्मान प्रकट किया गया।

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