राश्ट्रीय सेविका समिति का षस्त्र पूजन कार्यक्रम

मातृषक्ति ने किया पथ संचलन का अभ्यास
भारतीय त्यौेहार यहा के लोगों मंे एकात्मता, देषभक्ति, समर्पण, आत्मविष्वास, अनुषासन तथा अन्य गुणों का निर्माण करते है और लोगों को एक सूत्रबद्व संगठित व्यवहार में बांध देते है यह बात रविवार को दाहरसेन स्मारक पर बोलते हुए राश्ट्रीय सेविका समिति की बौद्विक प्रमुख प्रो दीपिका षर्मा ने कही।

राश्ट्रीय सेविका समिति की ओर से आयोजित षस्त्र पूजन कार्यक्रम में सेविकाओं को सम्बोधित करते हुए प्रो दीपिका षर्मा ने कहा कि मात्षक्ति से ही समाज जीवत है अब समय है संस्कारों का ? बालक को संस्कार देने पर ही हमारे देष के लोग महापुरूश बने और देष का नाम रोषन किया। वीर षिवाजी की माता जीजा बाई द्वारा प्रदान संस्कारों ने ही बालक षिवा को वीर षिवाजी बनाया इसी प्रकार महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई द्वारा दिए गए संस्कारों ने ही प्रपात को देषभक्ति सिखाई भगत सिंह सूख देव राजगुरू सहित देष के सभी महापुरूशों का निर्माण उनकी माताओं द्वारा दिए गए संस्कार व त्याग से ही संभव हुआ है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सेवानिवृत प्राचार्य राजकीय पीजी महाविद्यालय डॉ सौभाग्य गोयल ने अपने सम्बोधन में उपथित कार्यकताओं को बोलते हुए कहा कि नारी षक्ति के लिए वर्तमान में कोई भी कार्य असंभव नही है नारी नारायणी है नारी ही देष का भविश्य है इससे पूर्व अतिथियों द्वारा दीपप्रज्जवलन कर षस्त्र पूजन किया गया इस अवसर पर सेविका समिति के कार्यकताओं द्वारा आगामी 21 अक्टूबर को आयोजित किए जाने वाले पंथसंचलन के लिए अभ्यास किया। जिला कार्यवाहिका श्रीमती मनीशी इन्दौरिया प्रान्त सम्पर्क प्रमुख श्रीमती सविता, प्रांत सेवा प्रमुख श्रीमती लीलामणी सहित अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थें। जिला कार्यवाहिका श्रीमती मनीशी इन्दौरिया ने बताया कि अजमेर महानगर में प्रथम बार मात्षक्ति अपनी षक्ति का प्रर्दषन पंथसंचलन के माध्यम से दिनांक 21 अक्टूबर को करेगी यह पथ संचलन गोधा जी की नसीया से 3 बजे प्रारंभ होगा ओर नगर के विभिन्न मार्गो से होता हुए पुनः गोधा जी की नसीया पर समाप्त होगा जिसमें राश्ट्रीय सेविका समिति कार्यकर्ता भारी संख्या में भाग लेगे।
मनीशी इंदोरिया
जिला कार्यवाहिका
रा से समिति अजयमेरू
9413252623

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