अमर शहीद अशफाकउल्ला खां की जयंती मनाई गई

गरीब नवाज वेलफेयर सोसायटी दवारा रेलवे स्टेशन के सामने शहीद समारक पर अमर शहीद अशफाकउल्ला खां की जयंती मनाई
सबा खान ने बताया कि अशफाकउल्ला खां स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटिश शासन ने उनके ऊपर अभियोग चलाया उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर लटका कर मार दिया गया। राम प्रसाद बिस्मिल की भाँति अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ भी उर्दू भाषा के बेहतरीन शायर थे। उनका उर्दू तखल्लुस, जिसे हिन्दी में उपनाम कहते हैं, हसरत था। उर्दू के अतिरिक्त वे हिन्दी व अँग्रेजी में लेख एवं कवितायें भी लिखा करते थे। उनका पूरा नाम अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ वारसी हसरत था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के सम्पूर्ण इतिहास में बिस्मिल और अशफ़ाक़ की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का अनुपम आख्यान है। अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ का जन्म उत्तर प्रदेश के शहीदगढ शाहजहाँपुर में रेलवे स्टेशन के पास स्थित कदनखैल जलालनगर मुहल्ले में 22 अक्टूबर 1900 को हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद शफीक उल्ला ख़ाँ था। उनकी माँ मजहूरुन्निशाँ बेगम बला की खूबसूरत खबातीनों (स्त्रियों) में गिनी जाती थीं।
अमर शहीद अशफाकउल्ला खां की जयंती के मौके पर सबा खान .राकेश शर्मा. रीयाज अहमद मंसूरी . बाबू खान .रुसतम अली घोसी.हाजी शबबीर मास्टर . मोईन खान .बजरंग लाल साहु .काजी अलीमुद्दीन .सैयद शाकिर अली . हरी प्रसाद जाटव . रीजवान मलिक .कललु कुरैशी . रफीक मंसूरी .सजजी मैथ्यू .सरदार भजन सिंह आदि मौजूद थे

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