स्थानीय सत्गुरू बालकधाम सनातन मन्दिर में गुजरियल 15 दियन खां कार्तिक मासोत्सव ऐं गुरू नानक देव प्राक्ट्य दिंहु जे उत्सव जी पूर्णाहुति थी। तारीख 23.11.2018 सुबुह जो 5 खां 7 बजे ताईं कीर्तन, प्रवचन, कार्तिक महातम जे कथा जी पूर्णाहुति कई वई। आरती, अरदास खां पोई अल्पाहार ऐं प्रसाद जी सेवा ओबेराय परिवार कई।
सुबुह जो 7ः30 बजे खां 9ः00 बजे ताईं सत्गुरू बालक दास मण्डली दरबार जो नितनेम कयो। उदयपुर जे हीरालाल चौधरीअ सत्यनारायाण भगवान जी कथा कई। रोजानी नियम मुझिब आरती अरदास कई वई।
10ः30 बजे सत्संग प्रवचन षुरू थियो अैं गुरू नानक देव जिन जी मनमोहिंन्दड झांकी सजाई वई। सत्संग में कोमल देवनानीअ अजु भेनर भली फार पई आ ईहो भजन गाए सत्संग जी षुरूवात कई। अजमेर मां आयल सुहिणे कलाकार अषोक सोनी एण्ड पार्टी गुरू नानक देव जनम उपलक्ष में भजन ऐं लोलियुं गायुं। मौला मस्तन जा कम पाण करे, सांवरे को दिल में बसा कर तो देखो एक बार गुरू बालकधाम आकर तो देखो, बाबा नानक का जन्मदिन प्यारा प्यारा आया है खुषियां भी साथ लाया है। श्रोतागण आनन्दित थी नचण लगा। महन्त ष्यामदास जिन कवि ऋशि रामदयाल जो भजन ‘‘ तारन वारी रात बाबो तारन वारी रात कतिअ पूनम मांजी हुई चांढो की अध रात बाबो तारन वारी रात’’ भजन गाईन्देे चयो गुरू नानक देव जिन धर्म जी रक्षा कई । धर्म में सभिनी जो विष्वास जागे समय समय ते आम जन जे अगिंया चमत्कारी उदाहरण भी दिनां। मर्दाने खे गुरू नानक देव जिन घर व´ण खां रोकियो पर मर्दानों न रूकयो रस्ते में कोदे राक्षस बन्दी ठाहे गरम तेल जे तईअ में विधो तहं वक्त गुरूअ खे याद कयईं उन्हें वक्त ततल तेल गंगाजल ठही वियो। कोई कहे राम सोणां कोई कहे कृश्ण सोणां मेरा तो सत्गुर सोणां गुरून जी महिमा जो वखाण कयो। तहं बैइद गुरू नानाक देव जिन जी झांकीअ जो दर्षन कराये केक प्रसाद जो भोग लगायो वियो। मुख्य यजमान हासानी परिवार पाठ जी पूर्णाहुति कराई, आरती अरदास कई वई। कार्यक्रम में हासानी परिवार, खेमचन्द गुरनानी, चेतन दलवानी,राजेष मनवानी, दीपेष, आयुश, मोहित, धर्मेन्द्र लालवानी, पप्पु अहिलानी, प्रकाष विधानी, रामचन्द समतानी, विनोद तुलसियानी सभिनी मिली सेवा कई । किषनगढ़ जा मानवारा माण्हुं अैं हासानी परिवार, अजमेर, ब्यावर, गांधीधाम, जयपुर व किषनगढ़ जे सवंे सिखन षेवकन श्रद्धालुन भक्तन कार्यक्रम में षिरकत कई। आम भण्डारे जी सेवा हासानी परिवार कई। महन्त ष्यामदास सभिनी खे आर्षीवाद देई कार्यक्रम जे पूर्णाहूति कई।