संयमित जीवन से श्रेष्ठ बनेगा गृहस्थ जीवन : शास्त्री

अजमेर, 24 दिसंबर। शहर में पृथ्वीराज मार्ग स्थित श्री निम्बार्क कोट मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में पंडित रविशंकर शास्त्री ने कहा कि वेश से साधु बनना आसान है मगर चरित्र से साधु बनना कठिन है। आप खुद भी महात्मा बन सकते हैं जैसे मीरा बाई, नरसी मेहता जैसे महापुरुष बने। देह से संत बनो ना बनो मगर मन से संत अवश्य बनो। शास्त्री ने कहा कि गृहस्थ जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए संयमित जीवन जीना बेहद जरूरी है। सत्संगी के पास धन हो ना हो लेकिन मन बहुत बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में अनुकूल रहे वो संत है और हर जीव में परमात्मा का दर्शन करे वो भक्त है। भगवान जाति, धर्म, रंग, रूप देखकर कृपा नहीं करते। वो भक्त की भक्ति देखकर कृपा बरसाते हैं। कथा में श्री गोपाल स्वर संयोजिका के गायक केदार सिंह, अश्विनी शर्मा, विनोद जैन ने भजनों की मधुर प्रस्तुति दी। कथा प्रारंभ होने से पूर्व मंजू जोशी, निरुपमा जोशी, सीता शर्मा, रमा तोषनीवाल, आराधना सक्सेना, अलका सिंह, शांति शर्मा ने कथावाचक का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। प्रवक्ता सुमित सारस्वत ने बताया कि मंगलवार को वामन अवतार, राम जन्म व कृष्ण जन्म प्रसंग के साथ नंदोत्सव मनाया जाएगा। कथा में अशोक तोषनीवाल, आनंद भंसाली, फूलचंद प्रजापति, सुनीता शास्त्री, बीना दाधीच, मृदुला द्विवेदी, वृंदा शर्मा, भावना व्यास, हिना शर्मा, अयोध्या शर्मा सहित सर्वेश्वर संकीर्तन मंडल सदस्य शामिल हुए।

सुमित सारस्वत
मो.09462737273

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