इरादतन डिफॉल्टर्स को जेल – समस्या का समाधान
अजमेर ।सुप्रसिद्ध कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने सरकार से अपील की है कि वह विभिन्न बैंकों के निदेशक मंडल को इस प्रकार पर प्रभावी बनाएं कि यह एक ओर तो धोखाधड़ी और घोटालों की रोकथाम कर सकें तथा दूसरी ओर यह सुनिश्चित करें कि जेनुइन व्यक्तियों को समय पर बिना परेशानी पर्याप्त ऋण मिल रहा है।
राजू श्रीवास्तव मुम्बई में पंजाब नेशनल बैंक के पूर्व महाप्रबंधक अजमेर निवासी वेद माथुर की पुस्तक बैंक ऑफ पोलमपुर के अंग्रेजी संस्करण का विमोचन कर रहे थे ।श्री राजू श्रीवास्तव ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि सरकार के गंभीर प्रयासों के बावजूद इरादतन ( विलफुल) डिफॉल्टर्स मौज कर रहे हैं । विभिन्न बैंकों से आजादी के बाद से लूटी गयी राशि का सदुपयोग होता तो शायद हर किसान को निशुल्क खाद ,बिजली और पानी तथा हर नागरिक को मुफ्त चिकित्सा और शिक्षा मिल सकती थी । बैंक ऑफ पोलमपुर के लेखक वेद माथुर ने कहा कि बैंकों में खरबों रुपए की लूट के लिए राजनैतिक हस्तक्षेप, निष्प्रभावी निदेशक मंडल और लचर न्याय व्यवस्था जिम्मेदार है । जहां पाश्चात्य देशों में बैंक ऋण के मुकद्दमे कुछ ही दिनों में निर्णीत हो जाते हैं ,वहां हमारे देश में 5 से 15 साल में भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती, जिसका लाभ उठाकर विजय माल्या जैसे आर्थिक अपराधी मौज करने और भागने में सफल हो जाते हैं । वेद माथुर का कहना था कि यदि सरकार 20 करोड़ से ऊपर के डूबत ऋणों में प्रभावी फॉरेंसिक ऑडिट करवाएं तथा दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से जेल का प्रावधान हो तो हमारी अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आ सकता है । दुर्भाग्य से विलफुल डिफॉल्टर्स की हर जगह सांठ – गांठ होने से जनता की गाढ़ी कमाई पर डिफॉल्टर्स ऐश कर रहे हैं । डिफॉल्टर्स के कारण नियमित भुगतान करने वाले आम आदमी को बैंक ऋण पर ज्यादा ब्याज देना पड़ता है । बैंक की चालीस साल की सेवा के बाद वेद माथुर ने अपनी विवादास्पद पुस्तक बैंक ऑफ पोलमपुर में बैंकों के अन्दुरुनी राजों का हास्य व्यंग्य के माध्यम से पर्दाफाश किया है । अंग्रेजी संस्करण के विमोचन समारोह में विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध गायक एवं लेखक राम शंकर ने कहा कि वेद माथुर की पुस्तक व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है तथा सरकार चाहे तो सपना तंत्र सुधारने के लिए इस पुस्तक को प्रामाणिक रिपोर्ट के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। संयोजन लेखक मकबूल निसार ने किया।
