सीए विकास अग्रवाल के अनुसार वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा घोषित किये गए संघ बजट 2019-2020 में गोयल ने गोल गोल बातों से और जुमलेबाजी से आम जनता को भ्रमित करने की कोशिश की है। हमेशा की तरह इस बजट में भी पूंजीपतियों व उच्च मध्यम वर्ग का ही ध्यान रखा है। आयकर में छूट 5 लाख तक करने से उच्च माध्यम वर्गीय को ही राहत मिली है और ज्यादातर घोषणायें भी उच्च मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर की गई है। साधारण व गरीब आमजन जिनकी आय 3 लाख से भी कम है उन्हें इस बजट से निराशा ही हाथ लगी है । आमजन व गरीबों के लिए किसी भी तरह की घोषणा नही की है जिससे उनकी गरीबी दूर हो सके। जीएसटी में छोटे व्यापारियों को कोई भी राहत नहीं दी है। जब कि बजट से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया था कि जीएसटी क़ानून का सरलीकरण किया जाएगा व छोटे व्यापारियों को इससे बाहर निकाला जाएगा । कुल मिला कर बजट लोकलुभावन व चुनावी बजट भी कहा जा सकता है जिससे आगामी लोक सभा चुनावों में उच्च मध्यम वर्गीय परिवारों व पूंजीपतियों के ज्यादा से ज्यादा वोट बटोरे जा सकें।