52 करोड़ का बजट 5 मिनिट में बिना चर्चा के पारित

केकड़ी 16 फरवरी।
केकड़ी नगर पालिका की साधारण सभा की बैठक 15 फरवरी को श्रद्धांजलि कर आज तक के लिए स्थगित की गई थी।आज शनिवार को यहां नगरपालिका के सभा भवन में पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सर्वसम्मति से 51करोड़ 85 लाख 86 हजार रुपये का सालाना बजट पारित किया गया लेकिन विपक्ष की बजट पर चर्चा की मांग के बावजूद बिना चर्चा के बजट पारित कर दिया गया। बैठक की कार्यवाही केवल चार-पांच मिनट में सम्पन्न करने व बजट पर चर्चा नहीं किये जाने से प्रतिपक्ष के नेता एडवोकेट आसिफ हुसैन सहित कांग्रेस के पार्षदों ने विरोध करते हुए बजट पर चर्चा की मांग की लेकिन पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल बैठक समाप्ति की घोषणा कर अपने चेम्बर में चले गए। प्रतिपक्ष के नेता आसिफ हुसैन सहित कांग्रेस के पार्षद पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल को बार बार सभा भवन में आने का आग्रह करते रहे लेकिन वो नहीं आये। पालिकाध्यक्ष की चेम्बर में मौजूदगी के दौरान भाजपा के कई पार्षद व कांग्रेस के पार्षद सभाभवन में मौजूद रहे। इस दौरान प्रतिपक्ष के नेता आसिफ हुसैन सभा भवन में टेबल पर चढ़ गए तथा पालिकाध्यक्ष के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने के गम्भीर आरोप लगाए। प्रतिपक्ष के नेता एडवोकेट हुसैन का आरोप था कि पालिकाध्यक्ष ने एम्पायर्ड कमेटी की शक्तियों का जमकर दुरुपयोग किया है। राजस्थान नगर पालिका (कार्य संचालन) नियम 2009 के नियम 14 (1) के अनुसार बैठक में विचारार्थ आने वाले ऐसे किसी विषय पर जबकि विषय ऐसा हो जो आम जनता से सम्बंधित होने के अलावा किसी सदस्य या अध्यक्ष का स्वयं का या उसके किसी व्यवसाय के भागीदार या उसके परिवार के सदस्य का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आर्थिक हित निहित हो तो ऐसा सदस्य या अध्यक्ष न तो मतदान करेगा और न ही ऐसी कार्यवाही में भाग लेगा, ऐसा प्रावधान है। राज्य सरकार द्वारा गठित एम्पायर्ड कमेटी का अध्यक्ष उपखण्ड अधिकारी होता है जबकि एम्पायर्ड कमेटी की हुई 10 बैठकों में एक बार भी उपखंड अधिकारी उपस्थित नहीं थे। उपखंड अधिकारी की गैर मौजूदगी में पालिकाध्यक्ष मित्तल ने नियमों के विरुद्ध जाकर अपने स्वयं व परिवारजन की जमीन को औद्योगिक परियोजनार्थ नियमन कर पट्टा जारी कर दिया। प्रतिपक्ष नेता आसिफ हुसैन ने कहा कि ऐसे और भी मामले हैं जिसमें नियमों के विरुद्ध जाकर पालिका अध्यक्ष ने कार्यवाही की है। उन्होंने बताया कि सभी मामलों की शिकायत स्वायत्त शासन विभाग को भेजी जाएगी।

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