जाकिर को मिली मन्नत का ताजिया निकालने की इजाजत

अजमेर। मोहर्रम के मौके पर कई आशिकाने हुसैन मन्नत के डोले और ताजिये भी निकालते हैं। ऐसे ही एक आशिक जाकिर की मुराद 6 साल बाद पुरी हुई और उनको अपना मन्नत का ताजिया निकालने की इजाजत कई शर्तों और पाबंदी के साथ काफी जद्दोजहद के बाद जिला इंतेजामिया से मिल गई। गौरतलब है कि जाकीर हुसैन ने 6 साल पहले मन्नत का ताजिया बनाया था, लेकिन ईजाजत नहीं मिनले के सबब उसका ताजिया उसके घर में ही 6 साल से रखा गया। हफते के रोज एडीएम सीटी जगदीश पुरोहित और के के शर्मा के साथ साथ सीओ दरगाह और सीआई गंज की मौजुदगी में लौंगिया इलाके लोगों के बीच बातचित के बाद ये इजाजत मिली। इसके मुताबिक जाकिर हुसैन के घर से ये मन्नत का ताजिया रात साढ़े 8 बजे देहली गेट पर मजार के पास रखा जायेगा। वहां से आशुरा के दिन मर्सियाख्वानी के साथ सवारी के बाद ये ताजिया दरगाह बाजार के रास्ते जाकर झालरे में सेराब किया जायेगा।
करबला के शहीदों की याद में जिलेभर में मुसलमानों ने डोले और ताजिये बनाये। अजमेर में मुखतलिफ  मकामात पर डोले और ताजिये बनाने वालो का जोश देखते ही बनता था। अंदरकोट में जामा-ए-अलतमश यानी ढ़ाई दिन के झोंपड़े में डोला बनाया गया है। गौरतलब है कि ये डोला बाद नमाज ईशा हाईदौस के वक्त सवारी के साथ ढ़ाई दिन के झोपड़े की सीढिय़ों पर रखा जायेगा। शहादत की रात ईशा की नमाज के बाद होने वाले हाईदौस केा लेकर अंदर कोटियों मे जहां जोश और जज्बा है, वहीं जिला इंतजामिया ने हिफाजत के इंतजामात किये हैं। अगर कोई शख्स बिना लाइसेन्स के हाईदौस खेलेगा तो अंदरकोट पचंायत उसकी इत्तेला पुलिस इंतेजामिया को देगी। दूसरी तरफ पुलिस ने भी हिफाजत के इंतेजाम किये हैं। हाईदौस और ताजीये के लिए पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। पुलिस कप्तान राजेश मीणा ने बताया कि अजमेर शहर मेें 12 ताजिये निकाले जाते हैं, जिसमें 9 ताजिए दरगाह इलाके से निकाले जाते हैं।
हाईदौस के लिए हफते के रोज त्रिपोलिया गेट चौकी पर अंदरकोटियों को पुलिस के जानिब से तलवारें मुहैया करायी गयीं। तलवारें देेने पहले हलफनामे भी भरवाये गये। तलवार देने के काम में पंचायत अंदरकोटियान के सेकेट्री निसार मोहम्मद शेख ने पुलिस का हाथ बंटाया। तलवार देने का काम खुद त्रिपोलिया गेट चौकी के एएसआई भवानी सिंह ने किया। उनकी मदद के लिए त्रिपोलिया गेट चौकी के लिए दीगर एहलकार भी थे। तलवारों पर नंबर भी डाले गये।
ऐतवार के रोज दुनिया भर के साथ साथ अजमेर में भी यौमे आशुरा मनाया जायेगा। बड़ी तादाद में मुसलमान रोजे रखेंगे और अन्दरकोट में हाईदोस भी खेला जायेगा। साथ ही डोले और ताजिये सेराब किये जायेंगे।
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