सकारात्मक नजरिया ना केवल एक सोच है बल्कि जीवन दर्शन भी है

सकारात्मक नजरिया ना केवल एक सोच है बल्कि जीवन दर्शन भी है यह विचार वरिष्ठ आई. ए. एस .स्नेहलता पंवार जी ने अभिनव प्रकाशन के द्वारा प्रकशित पुस्तक विमोचन में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये ।
लेखिका सारा खान की पुस्तक” हाऊ टू क्रिएट पाजीटिव चेंज इन ट्वेंटी वन डेज ”
के विमोचन पर एडीशनल कलै्क्टर एवं एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट आनंदी लाल वैष्णव जी ने सारस्वत अतिथि के रूप मे कहा कि हमारे लिए अच्छा है कि मन का साक्षी भाव अपनाना चाहिए और अति उपभोग से बचना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए गीतकार डॉ पूनम पांडे ने पुस्तक के कुछ पृष्ठों को रेखांकित किया
अतिथि वक्ता ममता भार्गव जी एकेडमिक डीन दिल्ली पब्लिक वर्ल्ड स्कूल अजमेर ने मन को एक प्राकृतिक स्रोत बताया और अनुशासनशील दिनचर्या की तारीफ की अध्यक्षीय उद्बोधन मे साहित्यकार डा अनंत भटनागर जी ने
महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को एक विलक्षण कार्यशाला बताकर युवाओं का उत्साहवर्धन किया ।
सारा खान रचनाकार की बात के अंतर्गत किताब पर अपनी बात रखी आयोजन मे आथर्स मीट भी संपन्न हुई जिसमें शहर के साहित्यकार शामिल हुए , युवा लेखिका शेफाली मा्र्टिंस
अपना परिचय दिया ।
उपन्यासकार कुणाल सिंह ने भी अपने विचार रखे । आयोजन मे चेतना उपाध्याय, प्रदीप गुप्ता, नंदिनी शर्मा, मधु खंडेलवाल,
विनीता जैन , सुनील मित्तल ने भी अपने विचार रखे | अभिनव प्रकाशन से अनिल गोयल और अतिन गोयल ने आभार व्यक्त किया । आयोजन मे जयपुर, पुष्कर तथा दिल्ली से साहित्य प्रेमी उपस्थित थे ।

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