अजमेर, 11 जुलाई। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के पेंशनर्स को गंभीर बीमारियों के ईलाज हेतु आवश्यक दवाईयां सरकारी दवा की दुकानों पर उपलब्ध नहीं होने से उनको हो रही परेशानियों का मामला राजस्थान विधान सभा में उठाया।
देवनानी ने विधान सभा में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से यह मामला उठाते हुए कहा कि प्रदेश में लगभग 8 लाख सरकारी कर्मचारी कार्यरत है जिनमें में से प्रतिमाह कई कर्मचारी सेवानिवृत होते है। इस प्रकार प्रदेश में बड़ी संख्या में पेंशनर्स है जिनमें से कई बुजुर्ग पेंशनर्स श्वास रोग, डायबिटीज, किडनी, हृदय, कैंसर जैसे गंभीर रोगांे से पिड़ीत है तथा इन बीमारियों के ईलाज हेतु आवश्यक दवाइयां भी बहुत महंगी होती है।
उन्होंने कहा कि पिछले लम्बे समय से पेंशनर्स को इन दवाईयों के लिए भटकना पड़ रहा है। पेंशनर्स को सबसे पहले ईलाज हेतु चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाईयां लेने के लिए काॅनफैड अथवा सहकारी उपभोक्ता भण्डार की दुकानों पर जाकर लाईन में खड़ा होना पड़ता है। वहां पर उन्हें आधी-अधूरी दवाईयां मिल पाती है। फिर वहां से एनओसी लेकर मजबूरन निजी दुकानों से दवाईयां खरीदनी पड़ती है। उसके बाद बिलों को भण्डार पर जमा कराना पड़ता है जिसका भुगतान उन्हें महीनों बाद मिल पाता है। उन्होंने कहा कि अकेले जयपुर में पेंशनर्स के 80 करोड़ के बिल अटके होने के साथ ही प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी लाखों/करोड़ों की राशि के बिल अटके हुए है।
देवनानी ने कहा कि जिस पेंशनर्स ने राजकीय सेवा में रहते हुए सेवानिवृति पश्चात् चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए प्रतिमाह अपने वेतन से राजस्थान पेंशनर्स मेडिकल रिलीफ फण्ड में अंशदान के रूप में राशि कटवाई आज उसे उम्र के इस पड़ाव में दवाईयों के लिए परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पेंशनर्स मेडिकल फण्ड में राशि कम होती जा रही है क्यों कि वर्ष 2004 से न्यू पेंशन स्कीम लागू होने से उसके बाद सेवा में आए राज्य कर्मचारियों से इस फण्ड की कटौति नहीं की जाती तथा 2004 से पूर्व नियोजित कर्मचारियों की लगातार होने वाली सेवानिवृति से फण्ड में कमी होती जा रही है।
देवनानी ने विधान सभा में सरकार से आग्रह किया कि बुजुर्ग पेंशनर्स की पीड़ा व परेशानियों को समझते हुए इस मामले में गंभीरतापूर्वक कार्यवाही कराते हुए कानफैड व सहकारी उपभोक्ता भण्डार की दुकानों पर ज्यादा से ज्यादा दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही बाहर से खरीदी जाने वाली दवाईयों का भुगतान समय पर कराने के लिए राजस्थान पेंशनर्स मेडिकल रिलीफ फण्ड में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बजट सरकार के स्तर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करावे।