सीएमएचओ के.के. सोनी के समस्त कार्यकाल की जांच करवाने की मांग

भारती
अजमेर। राज्य सरकार द्वारा भीलवाड़ा सीएमएचओ जगदीशचंद्र जीनगर को विभागीय अनियमितताओं का दोषी पाकर एपीओ किए जाने के बाद अजमेर के कांग्रेसी नेताओं द्वारा अजमेर सीएमएचओ के.के. सोनी की विवादित कार्यशैली के कारण भाजपा शासन से लेकर के वर्तमान शासन तक उनके समस्त कार्यकाल की जांच करवाने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
शहर कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती सहित इमरान सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिकित्सा महकमे के शासन सचिव सहित चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा को पत्र भेजकर अजमेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी केके सोनी के कार्यकाल की जांच करने की मांग की है पत्र में बताया गया है कि सोनी पिछले भाजपा शासन से लेकर आज तक अजमेर में ही तैनात हैं तथा लंबे समय से अपनी कार्यशैली के कारण विवादों में रहे हैं। सोनी के कार्यकाल में पिछले कुछ सालों से चिकित्सा महकमा पूरी तरह पटरी से उतर चुका है सीएमएचओ सोनी के खिलाफ भ्रष्टाचार महिला उत्पीड़न सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग सहित तमाम शिकायतों के बावजूद जांच पर जांच और भाजपा शासन में केवल लीपापोती की जा चुकी है चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे की महिला अधिकारियों को शिकायत पर प्रशासनिक जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद उन्हें पद पर बनाए रखने वाले अधिकारियों पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। शिकायत में बताया गया है कि डा. और स्टाफ की पोस्टिंग तथा डेपुटेशन फूड लाइसेंस की जांच के नाम पर खुल्लम खुल्ला भ्रष्टाचार किया जा रहा है सरकार ने मुफ्त दवा में करोड़ों रुपए दिए हुए हैं फिर भी सब सेंटरों तक दवाइयों का टोटा है और यह सब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया जा रहा है।
पत्र में बताया गया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलावटी ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है इस कारण मिलावट करने वालों के हौसले बुलंद हैं यही कारण है कि आज तक एक भी मिलावट करने वाले को जेल नहीं हुई है ना ही मिलावट करने वालों पर विभाग द्वारा कोई बड़ा जुर्माना लगाया गया है यह साफ दर्शाता है कि विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचार का बोलबाला है अजमेर के चिकित्सा एवं विभाग महकमे के मुखिया के संरक्षण में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खुले में खाद्य सामग्री की बिक्री प्रतिबंधित होने के बावजूद शहर में खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पालना नहीं की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खुले में खाद्य सामग्री की बिक्री प्रतिबंधित है। सरकार के स्पष्ट और सख्त निर्देश हैं कि खाद्य सामग्री खुले में नहीं बेची जाए और उनकी सुरक्षा और शुद्धता सुनिश्चित हो। इसके बावजूद शहर में खाद्य सुरक्षा अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है
पत्र में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री को बताया गया कि सभी में घोटाले पर एसीबी में मामला दर्ज हो चुका है परंतु अपनी राजनैतिक तिकड़म बाजी के कारण भाजपा शासन से लेकर के सरकार तक जोड़ तोड़ कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बने हुए हैं। पत्र में बताया कि अजमेर जिले की स्थायी लोक अदालत ने चिकित्सा सुविधाओं में लापरवाही और भ्रष्टाचार को लेकर जन हित में पेश वाद पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस देकर जवाब तलब किया था। सरकार को जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर जिले में अवैध् गर्भपात, भू्रण का लिंग परीक्षण कन्या भू्रण हत्याओं के मामले बढे हैं और अधिकारियोँ की लिप्ता से इनकार नहीं किया जा सकता । चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी सोनी के संरक्षण में अवैध् सोनोग्राफी सेन्टर बेरोकटोक चल रहे है। स्वास्थ्य विभाग मिलावट रोकने के नाम पर केवल खानापूर्ति करता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी जो सैम्पल लेते हैं। उनकी रिपोर्ट दो से तीन माह में आती है। जब तक बाजार में मिलावटी सामान बिक जाता है। ऐसे में मिलावट करने वालों के हौसले बुलंद हो रहे हैं व खुलेआम मिलावट हो रही है। भाजपा शासन में अजमेर में नियुक्ति से लेकर के वर्तमान शासन तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के.के. सोनी के समस्त कार्यकाल की जांच करवाई जाकर उनका तवादला किया जाऐ।

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