देवनानी ने राष्ट्रपति व गृह मंत्री को लिखा पत्र

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण व अपहरण का मामला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाए
– अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों के सरंक्षण के समझौते की नहीं हो रही पालना
– पाकिस्तान के सिंध व पंजाब प्रांत में बढ़ रही घटनाओं से हिन्दू समाज में गहरा रोष
– एसी घटनाओं पर तत्काल रोक के लिए पाकिस्तान को किया जाए पाबंद

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 31 जुलाई। विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने देश के राष्ट्रपति तथा गृह मंत्री को पत्र लिखकर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू समाज व समाज की लड़कियों पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों को रोकने के लिए इस मामले का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाते हुए पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए कड़े कदम उठाये जाने का आग्रह किया।

देवनानी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन कर हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर जबरन उनका धर्म परिवर्तन कराकर बिना सहमति के विवाह कराये जाने के साथ ही मन्दिर, गुरूद्वारों को तोड़ने की घटनाएं पिछले कुछ महिनों में तेजी से बढ़ी है। विशेष रूप से पाकिस्तान के सिंध व पंजाब प्रान्त में हिन्दू नाबालिग बालिकाओं के साथ ऐसी घटनाएं अधिक हो रही है जिससे वहां का अल्पसंख्यक हिन्दु समाज भय व असुरक्षा की भावना महसूस कर रहा है।

देवनानी ने पत्र में माननीय राष्ट्रपति महोदय व केन्द्रीय गृह मंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट किया कि आजादी के बाद भारत व पाकिस्तान दोनों देशें में एक-दूसरे के अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों का संरक्षण किये जाने का समझौता हुआ था, परन्तु पाकिस्तान में इसकी पालना नहीं की जा रही है। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान सरकार के गंभीर नहीं होने से 1947 में वहां पर हिन्दुओं की संख्या 31 प्रतिशत थी जोकि घटकर अब मात्र 1.2 प्रतिशत रह गई है।

उन्होंने यह भी लिखा है कि उनके विधान सभा क्षेत्र अजमेर उत्तर सहित राजस्थान प्रदेश में बड़ी संख्या में सिंधी व सिक्ख समाज के लोग रहते है। पाकिस्तान में सिंधी, सिक्ख सहित अल्पसंख्यक हिन्दू समाज पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों को लेकर यहां के लोगों में भी गहरा रोष व्याप्त है।

उन्होंने आग्रह किया कि पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक हिन्दू समाज की बहू-बेटियों की इज्जत तथा उनकी धार्मिक, सामाजिक सुरक्षा के साथ ही उनके मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए सरकार को गंभीरतापूर्वक कदम तत्काल उठाने चाहिए।

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