आंतरिक एवं वाह्य स्वच्छता से होगा पूर्ण स्वच्छ भारत

मनुष्य जीवन की सफलता के लिए आंतरिक एवं वाह्य दोनों प्रकार की स्वच्छता अति महत्वपूर्ण है।आंतरिक स्वच्छता अर्थात मन के विचारों की स्वच्छता एवं वाह्य स्वच्छता सेअर्थ है, भौतिक पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखना। वास्तव में आसपास के पर्यावरण का व्यक्ति के आंतरिक विचारों एवं व्यवहारों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।अतः हमें अपने आसपास, घर, विद्यालय, सड़क सभी स्थानों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। यह विचार राजेंद्र लालवानी ने आदर्श विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय, पुष्कर मार्ग में आयोजित “स्वच्छ भारत कार्यशाला” के समापन के अवसर पर कही । इस कार्यशाला का आयोजन क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान अजमेर से पधारे गाइडेंस एंड काउंसलिंग के प्रशिक्षणार्थियों के नेतृत्व में विद्यालय विद्यार्थियों के लिए किया गया जिसमें विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न गतिविधियों यथा कक्षा वार्ता ,कहानी वाचन ,स्लोगन लेखन, पोस्टर निर्माण एवं लघु नाटिकाओं के माध्यम से स्वच्छ भारत समर्थ भारत का संदेश दिया गया। कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्य भूपेंद्र उबाना द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान से पधारे प्रशिक्षणार्थी रवि राय, सुरेश कुमार ,फतेह सिंह,संगीता मेहता, आरती चौहान ,शारदा तथा विद्यालय के शिक्षक गण आदि उपस्थित थे।

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