राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय होगा नये भवन में स्थानान्तरित

दिनांक 20 अगस्त को संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत महाविद्यालय को नवीन भवन में तुरन्त प्रभाव से शिफ्ट करने के आदेश दिए गए। जिससे छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गयी। विद्यार्थियों ने संस्कृत महाविद्यालय के लोहागल स्थित नवीन भवन में स्थान्तरण की खबर मिलने पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी साथ काॅलेज प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया। लगातार काफी समय से संस्कृत महाविद्यालय अपने नवीन भवन में शिफ्ट होने का इन्तजार कर रहा था। क्योंकि पुराने भवन में विद्यार्थियों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति नही हो पा रही थी। विद्यार्थी ने एक दिन पूर्व ही महाविद्यालय नये भवन में शिफ्ट नही होने पर छात्रसंघ चुनाव 2019 को बहिष्कार करने के लिए भी आन्दोलन किया था। इससे पूर्व भी विद्यार्थियों ने लगातार अपनी समस्याओं व नवीन भवन में स्थानान्तरित होने के लिए आन्दोलन करते रहे है। नवीन भवन में अत्याधुनिक सुविधाऐं विद्यार्थियो को मिलेगी। जिसमें मुख्य रूप से पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष, खेल ग्राउण्ड, पार्किग इत्यादि। किंतु महाविद्यालय प्राचार्य ने छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो जाने के कारण महाविद्यालय को 1 सप्ताह बाद शिफ्ट करने की कहा लेकिन विद्यार्थियों ने काफी लम्बे समय से महाविद्यालय स्थानान्तरित करने के लिए काफी सघर्ष किया है विद्यार्थियों ने प्राचार्य को ज्ञापन लिखकर संस्कृत महाविद्यालय को छात्रसंघ चुनाव से पूर्व शिफ्ट करने की मांग रखी। जिसे गंभीरता से लेते हुए महाविद्यालय प्रशासन ने तुरंत बैठक की। इसी दौरान संस्कृत शिक्षा निदेशक ने नवीन भवन का औचक निरक्षण कर नवीन महाविद्यालय भवन ओर वर्तमान भवन की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त कर कल दिनांक 21 अगस्त को महाविद्यालय को नवीन भवन में शिफ्ट करने के आदेश दिए एवं महाविद्यालय प्रशासन को अवगत कराया कि जल्द ही राजस्थान सरकार द्वारा उद्घाटन भी कर दिया जायेगा साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि आप सभी की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी समस्याओं का समाधान किया जायेगा। संस्कृत शिक्षा निदेशक के निरक्षण के दौरान प्राचार्य विनयचंद्र झा, नोडल अधिकारी रणजीत कुमार झा, व्याख्याता चंद्रप्रकाश जोशी, राजेन्द्र सिंह लखावत, अल्कादेश पण्डित तथा विद्यार्थियों में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र सांखला, पूर्व संयुक्त सचिव लोकेश शर्मा, हिमांशु दाधीच,धर्मेन्द्र शर्मा,खुशबू कहलात, हिमांशु साँखला, शाश्वती, पल्लवी, हीरालाल गुर्जर, रामप्रसाद, लखन, राहुल, मनीषा, भोजराज, सूर्यप्रकाश, रितेश इत्यादि मौजूद रहे।

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