अजमेर यनिवर्सिटी टीचर्स एसोसियेशन, अजमेर द्वारा उच्च शिक्षा की विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्रीए मानव संसाधन विकास मंत्रीए मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रो. बी.पी. सारस्वत ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर आज देशभर में सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर केंद्र स्तर पर लंबित समस्याओं के समाधान की मांग की गई है।
मांग पत्र में उच्च शिक्षा में विभिन्न पदों पर नियुक्ति एवं प्रमोशन के लिए जारी यूजीसी रेगुलेशन को राज्य सरकार द्वारा पूर्ण रूप से लागू करनेए सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करनेए 2004 से पूर्व की सेवानिवृत्ति योजना बहाल करनेए समयबद्ध कैरियर एडवांसमेंट योजना लागू करनेएसेवारत शिक्षकों को पीएचडी कोर्स वर्क से छूट देनेए उच्च शिक्षा संस्थानों में की गई भूतपूर्व सेवा को पदोन्नति हेतु गिननेए असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर सीधी भर्ती के लिए और एसोसिएट प्रोफेसर के स्तर तक कैरियर उन्नति योजना के लिए पीएचडी की बाध्यता को वापस लेनेएयूजीसी वेतनमान को पूरे देश में समान रूप से लागू करने के लिए राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को कम से कम 5 वर्षों के लिए अतिरिक्त वित्तीयभार का न्यूनतम 80ः वित्तीय सहायता देनेए अनुबंध ध् तदर्थ आधार पर नियुक्तियां रोकने एवं विधिवत चयनित तदर्थ शिक्षकों को अवशोषित और नियमित करनेए राजकीय सहायता प्राप्त संस्थानों का भुगतान राजकोष के माध्यम से करनेए पुस्तकालयाध्यक्षों एवं शारीरिक शिक्षा निदेशकों की वेतन संरचनाओंए सेवाशर्तों और सेवानिवृत्ति लाभों को शिक्षकों के समान करने जैसी मांगे प्रमुखता से शामिल हैं।
प्रो. सारस्वत ने बताया कि संगठन द्वारा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता हेतु मांगपत्र में विभिन्न मुद्दों को उठाया गया है इनमें उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों में शिक्षक छात्र अनुपात लागू करनेए शिक्षकों का पेशेवर प्रशिक्षण नियमित और व्यवस्थित आधार पर करनेए शिक्षा का व्यावसायीकरण रोकनेए उच्च शिक्षा के लिए ख्यातनाम शिक्षाविदों से युक्त स्वतंत्र स्वायत्त नियामक आयोग केंद्र और राज्य स्तरों पर गठित करनेए शिक्षकों की नियमित और स्थायी नियुक्ति सुनिश्चित करने एवं किसी संस्था में वर्ष के अंत तक 20ः से अधिक रिक्तियां होने पर उसके अनुदान और मान्यता को निलंबित करनेए सहायक प्रोफेसर के पद पर साक्षात्कार के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए मानदंड सार्वभौमिक और निष्पक्ष प्रणाली पर आधारित करने जैसे सुझाव मांगपत्र में शामिल किए गए हैं।
अजमेर युनिवर्सिटी टीचर्स एसोसियेशन द्वारा प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में अशैक्षणिक सपोर्टिंग स्टाफ की पर्याप्त संख्या में नियुक्ति जाए ताकि शिक्षक शिक्षण और शोध पर ध्यान केंद्रित कर सकें। शिक्षा में स्वायत्तता को बहाल कर राजनीति एवं नौकरशाही के हस्तक्षेप को रोकने तथा शिक्षाविदों की सभी निर्णय लेने वाले निकायों में भागीदारी सुनिश्चित करनेए उच्च शिक्षा के हर पाठ्यक्रम के लिए मातृभाषा ध् क्षेत्रीय भाषा में अध्ययन हेतु विकल्प प्रदान करने जैसे सुझाव महासंघ द्वारा दिए गए हैं।
(प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत)
विभागाध्यक्ष- वाणिज्य विभाग
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर