क्लिनिकल एक्ट में होगा चिकित्सा नैदानिक प्रयोगषाला / रोग विज्ञान प्रयोगषाला होगा रजिस्ट्रीकरण

दिनांक 15.09.2019 तक करना होगा आवेदन नही ंतो की जायेगी कार्यवाही

अजमेर। नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण एवं विनियमन) अधिनियम 2010 को राजस्थान राज्य के लिए विधानसभा में संकल्प पारित कर राजस्थान राज्य के लिए अंगीकृत किया हुआ है। उक्त अधिनियम की धारा 54 के तहत नियम बनाकर राजस्थान राजपत्र में दिनांक 06 जून 2013 को अधिसूचना एवं 17 मार्च 2015 को संषोधित अधिसूचना जारी कर ‘‘ राजस्थान नैदानिक स्थापन (रजिस्ट्रीकरण एवं विनियमन) नियम 2013‘‘ लागू कर दिये गये है।
अधिनियम की धारा 2 के खण्ड (एन) में स्टैण्डर्ड शब्द को परिभाषित किया गया है, जिसके अनुसार स्टैण्डर्ड का आषय केन्द्र सरकार द्वारा धारा 12 के अधीन विहित स्टैण्डर्ड से है, धारा 12 व धारा 52 के अनुसार नैदानिक स्थापना के स्टैण्डर्ड विहित करने की शक्ति केन्द्र सरकार को ही है।
केन्द्र सरकार उक्त अधिनियम की धारा 52 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए, नैदानिक स्थापना (केन्द्र सरकार) नियम 2012 का ओर संषोधन करने के लिए नियम बनाये है। जिसका संक्षिप्त नाम ‘‘नैदानिक स्थापना (केन्द्र सरकार) नियम 2018‘‘ है, कि भारत का राजपत्र नई दिल्ली में 18 मई 2018 को अधिसूचना जारी की गई। उक्त अधिसूचना में नियम 8 के पश्चात् नियम 9 के पश्चात् संषोधन किये गये है। केन्द्र सरकार द्वारा जारी नियमों का राज्य सरकार द्वारा लागू किया जाना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 कृष्ण कुमार सोनी द्वारा बताया गया है कि राजस्थान नैदानिक स्थापना (रजिस्ट्रीकरण एवं विनियमन) नियम 2013 एवं नैदानिक स्थापना (केन्द्र सरकार) नियम 2018 के प्रावधानों के अन्तर्गत जिले में स्थापित चिकित्सा नैदानिक प्रयोगषाला या रोगी विज्ञान प्रयोगषाला को अस्थाई व स्थाई पंजीकरण जारी किया जाना है। संस्थानों द्वारा दिनांक 15.09.2019 तक आवेदन करना आवष्यक होगा। उक्त अवधि के बाद बिना पंजीकरण संचालित संस्थानों के विरूद्व नियमों में निर्धारित दण्ड के अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक, ओमप्रकाष टेपण द्वारा बताया गया है कि क्लिनिकल एक्ट के अन्तर्गत जिले में स्थापित प्रयोगषालाओं को विभागीय वैबसाईड पर ऑनलाईन/आफॅलाईन आवेदन करना होगा। जिसके पश्चात् संबंधित दस्तावेज कार्यालय को कार्यालय समय पर जमा कराना होगा। तत्पषचात् संस्थानों का एक वर्ष की अवधि हेतु अस्थाई पंजीकरण किया जायेगा। कार्यालय स्तर से अब तक 40 संस्थानों को प्रोविजनल प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।

(डॉ0 कृष्ण कुमार सोनी)
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
अजमेर

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