कहानियां यथार्थ की अभिव्यक्ति हैं- डॉ. पूनम पाण्डे

अजमेर 17 सितम्बर। साहित्यकार डॉ. पूनम पाण्डे ने कहा है कि कहानियाँ यथार्थ की अभिव्यक्ति है जो ह्नदय के अन्तिम तल से अभिव्यक्त होती है। उन्होंने कहा है कि आज हिन्दी जहाँ खडी है उस पर गर्व किया जा सकता है। हिन्दी का प्रभुत्व जो बढ़ रहा है वो इसलिए है क्यांेकि भारत का प्रभाव भी दुनिया में बढ़ रहा है। जैसे-जैसे यह बढेगा वैसे-वैसे हिन्दी बढ़ेगी।
डॉ. पाण्डे मंगलवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में हिन्दी सप्ताह के दौरान कहानी सुनाओं और मुक्तक लेखन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को सम्बोधित कर रही थी।
साहित्यकार आर.जे. अजय वर्मा ने कहा कि कहानी और गीत हमारी भारतीय संस्कृति की अनोखी धरोहर है। कहानी में भाव महत्वपूर्ण होता है और वह नौ रसों से युक्त होती है। कहानी एक रचना है जिसमें जीवन के किसी अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है उसमें चरित्र, शैली, कथाविन्यास उसी भाव को पुष्ट करते है।
कथाकार श्रुति गौतम ने अपनी रचना ’’समुन्द्र में धैर्य है और लहरों में ऊर्जा‘‘ से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कहानी एक विद्या है, कहानी हमारी संस्कृति के संवाहक है, यह हमारी विरासत है। उन्होंने कहा कि भाषा का सरल या कठिन होना शब्दों के प्रयोग पर निर्भर करता है जो शब्द प्रयोग में होते है, वे आसान हो जाते है और जिनका प्रयोग नहीं होता है वे कठिन लगते है। हिन्दी के विस्तार के लिए शब्दों को और आसान करना होगा।
प्रारम्भ में हिन्दी सप्ताह के संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने अतिथियों का परिचय दिया। गीता पलासिया, रेणु भोजवानी, शशि भारद्वाज, विनीता रंगा, सुशीला गोकलानी, लक्ष्मण पंजाबी, प्रकाश पुरोहित, ब्रजेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। संजय तायल ने कार्यक्रम का संचालन किया। अन्त में निदेशक जी.के. माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
हिन्दी सप्ताह के तहत् बुधवार 18 सितम्बर को काव्य गोष्ठी और काव्य पाठ जिसमें डॉ. अनन्त भटनागर, सादिक अली, श्री गोपाल गर्ग, श्री गौरव दुबे, डॉ. ब्रजेश माथुर व डॉ.विनीता जैन के सानिध्य में किया जायेगा।

उप निदेषक (जनसम्पर्क)

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