धार्मिक यात्रा कर लौटे अजमेर के भक्त

अजमेर, 25 सितंबर। आश्विन मास पितृपक्ष में बिहार व झारखंड राज्य के धार्मिक स्थानों की यात्रा कर भक्तों का दल अजमेर लौट आया है। यात्रा संयोजक सुमित सारस्वत ने बताया कि दस दिवसीय यात्रा के तहत 75 सदस्यों ने करीब 3 हजार 400 किलोमीटर का सफर किया। भगवान बुद्ध के ध्यानस्थल व यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज टेम्पल महाबोधि मंदिर, भगवान विष्णुपद मंदिर, भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ धाम, जैन तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण तीर्थस्‍थल पावापुरी, गुरु गौतम स्वामी के जन्मस्थल कुंडलपुर तीर्थ, विश्‍व प्रसिद्ध नालन्‍दा विश्‍वविद्यालय, देवी शक्तिपीठ महामंगला गौरी मंदिर, सीता कुंड सहित अन्य कई धार्मिक व दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया। बोधगया में महाबोधि वृक्ष के निकट अजंता पैलेस में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का श्रवण किया। अजमेर के कथावाचक पं.रविशंकर शास्त्री ने ठाकुरजी की दिव्य लीलाओं का गुणानुवाद किया। मोक्षनगरी गयाजी में पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए फल्गु नदी के तट पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ पिंडदान व तर्पण किया। यह यात्रा गत 14 सितंबर को अजमेर के निम्बार्क कोट मंदिर से प्रारंभ हुई थी। इस धार्मिक यात्रा में ज्योतिस्वरूप शर्मा, सुमित सारस्वत, शांति शर्मा, शकुंतला गोयल, कविता जैन, सुमन बंसल, मधु डाणी, किरण अग्रवाल, कृष्णा गोयल, चंद्रकला बंसल, वीणा कुलश्रेष्ठ, रेखा अग्रवाल, सीता माहेश्वरी, गीता, सुभाष परिहार, मनीष शर्मा, किशन साहू, विनोद जैन, केदार, रामरतन सहित अजमेर, ब्यावर, किशनगढ़, जयपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, जोधपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, रतलाम, नीमच के भक्त शामिल थे।

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