देवनानी चुनाव प्रचार हेतु महाराष्ट्र रवाना

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 15 अक्टूबर। 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में होने वाले विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में प्रचार के लिए विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी मंगलवार को अजमेर से रवाना हुए।
संगठन के निर्देश पर देवनानी 15 से 17 अक्टूबर तक महाराष्ट्र में बान्द्रा, उल्लासनगर, कल्याण विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे तथा राजस्थानियों व सिंधी समाज के लोगों से सघन जनसम्पर्क कर भाजपा प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगेगे।

कांग्रेस की पहचान, महापुरूषों का अपमान – देवनानी
अजमेर, 15 अक्टूबर। अजमेर उत्तर के विधायक व पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने पूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न व मिसाईल मेन डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जन्म दिवस को गत भाजपा सरकार द्वारा विद्यालयों में विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने की पहल को वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा भुलाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश के महापुरूषों का अपमान करना कांग्रेस की पहचान बनता जा रहा है।
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि प्रदेश में पिछली भाजपा सरकार की पहल पर विद्यालयों में कलाम साहब के जन्मदिवस को उत्साह के साथ विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता था परन्तु इस बार प्रदेश के विद्यालयों में एसा कोई आयोजन नहीं हुआ जबकि डाॅ कलाम का जीवन प्रत्येक विद्यार्थी के लिए आदर्श व प्रेरणा स्त्रोत है। वर्तमान कांग्रेस सरकार के गठन के बाद ही शिक्षा विभाग में किसी न किसी रूप में लगातार महापुरूषों का अपमान किया जा रहा है। कभी पाठ्यक्रम से छेड़छाड़ कर तो कभी पुस्तकालयों व विद्यालयों के नाम से महापुरूषों के नाम हटाये जा रहे है।

आपातकाल के विरोध से बहाल हुए लोकतंत्र के कारण ही गहलोत आज मुख्यमंत्री
अजमेर, 15 अक्टूबर। अजमेर उत्तर के विधायक व पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा मीसा बंदियों की पेंशन बंद करने के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि मीसा बंदियों द्वारा आपातकाल का विरोध करने के फलस्रूप ही देश में लोकतंत्र पुनः बहाल हुआ था जिसकी बदौलत आज अशोक गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री है।
देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मीसा बंदियों की पेंशन बंद करने संबंधी लिये गये निर्णय को सीधे तौर पर लोकतंत्र के सैनानियों का अपमान बताया जो पूरी तरह राजनीतिक द्वेषतापूर्ण है। देवनानी ने कहा कि आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों सहित लाखों कार्यकर्ताओं को मीसा के तहत जेलों में बंद कर दिया गया था। अगर ये लोग उस समय विरोध पर नहीं उतरे होते तो देश में लोकतंत्र पुनः बहाल नहीं हो पाता। इसलिए मीसा बन्दी तो लोकतंत्र के सच्चे सैनानी है परन्तु प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इनकी पेंशन पर रोक लगाकर आपातकाल वाली अपनी मानसिकता का फिर से प्रदर्शन किया है।

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