राजस्थान में भाजपा अपनी स्थिति को मजबूत बनाने व कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा का संचार करने के लिए संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ बनाने की कवायद में जुटी है, इसी के तहत राज्य में मंडल से लेकर जिला स्तर पर नियुक्तियां की जा चुकी है। अजमेर जिले से भी पूर्व विधायक युवा नेता ब्यावर निवासी देवीशंकर भूतड़ा को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भूतड़ा पहले भी दो बार जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, पार्टी ने उनकी कुशल कार्यशैली के मद्देनजर ही तीसरी बार जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। उनके बारे में कहा जाता है कि वे विषम परिस्थितियों में भी परिणाम को अपनी तरफ मोड़ने में सक्षम हैं ! एक बार फिर प्रदेश नेतृत्व ने उनकी काबिलियत पर भरोसा जताया है। हाल ही में पार्टी ने उन्हें पंचायत चुनाव की अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए जयपुर जिले का प्रभारी भी बनाया है। अब भूतड़ा के पास दोहरी जिम्मेदारी है, उम्मीद की जा रही है वे अपनी दोनों जिम्मेदारियों को बखूबी से निभाएंगे। भूतड़ा की ऊर्जावान कार्यशैली को मद्देनजर यह उम्मीद की जा रही है कि अजमेर जिले में संगठन को मजबूती मिलेगी साथ ही संगठनात्मक गतिविधियां सक्रिय होंगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा एक ऊर्जावान युवा नेता हैं जिनकी हाल ही मैं संपन्न निकाय चुनाव में अहम भूमिका रही है, उनके राजनीतिक कौशल की वजह से ही विषम परिस्थितियों में भी ब्यावर में भाजपा का बोर्ड बना। यही वजह है शायद, पार्टी ने उनकी इसी काबिलियत को देखते हुए जिलाध्यक्ष का पद व पंचायत चुनाव के लिए जयपुर जिले का प्रभार उन्हें बतौर पुरुस्कार दिया है। हालांकि जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाड़िया, जिला महामंत्री राधेश्याम पोरवाल व पुष्कर विधायक सुरेश रावत सहित अन्य का नाम भी सामने आया था, लेकिन पार्टी ने भूतड़ा को ही इस पद के लिए योग्य समझा और विश्वास जताया। जिन अन्य पार्टी नेताओं के नाम भी जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में लिए जा रहे थे वे भी कोई कमजोर नहीं हैं, लेकिन पार्टी तय करती है कि किस व्यक्ति का किस जगह किस पद के लिए अधिक महत्व व उपयोग है उसी हिसाब से जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ऐसा कहा जा रहा है कि जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल अन्य नेताओं को पार्टी उनकी काबिलियत के अनुसार उन्हें योग्य पद से नवाजेगी ! खैर यह पार्टी का अंदरूनी मामला है, वह किसे कितना योग्य समझकर उसे जिम्मेदारी सौंपती है। बहरहाल अजमेर जिले की संगठनात्मक जिम्मेदारी ब्यावर के पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा को मिली है। देवीशंकर भूतड़ा प्रारम्भ से ही एक क्रिएटिव नेता के रूप में जाने जाते हैं उन्होंने पार्टी गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हुए पार्टी को मजबूत करने के अपनी अहम भूमिका निभाई है। पार्टी ने उनकी जिले में अच्छी छवि, कार्यकर्ताओं में पकड़ तथा ऊर्जावान कार्यशैली को मद्देनजर आगामी निकाय व पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है ! पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि वे संगठनात्मक दृष्टि से पार्टी व कार्यकर्ताओं की कसौटी पर खरे उतरेंगे और उनके नेतृत्व में जिले में फिर से पार्टी को अच्छा प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। भूतड़ा विधायक रहने के साथ भाजपा के दो बार अजमेर देहात जिलाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहते हुए संगठन को मजबूती प्रदान करते आये हैं, उन्हें पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसे उन्होंने बढ़चढ़कर बखूबी निभाया है। यही वजह है कि वे जिले के कार्यकर्ताओं सहित देशप्रदेश के नेताओं के चहेते हैं। उम्मीद की जा रही है कि कार्यकर्ताओं में नई उर्जा का संचार होगा और पार्टी को जिले में और मजबूती मिलेगी ! गौरतलब है कि देवी शंकर भूतड़ा का राजनैतिक सफर युवा मोर्चा में मण्डल महामंत्री से प्रारंभ हुआ था, तब से व नहीं रुके और लगातार खुद भी बढ़ते गए और पार्टी को भी मजबूत करते गए। उनकी संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रियता की वजह से उन्हें अजमेर युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष तथा भाजपा अजमेर जिला मंत्री एंव जिला उपाध्यक्ष बनाया गया। वह ब्यावर भाजपा के 9 साल तक यानी 3 बार मंडल अध्यक्ष भी रहे। अजमेर देहात का दो बार जिलाध्यक्ष वह भारतीय जनता पार्टी उघोग प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भार भी सौंपा गया। वे भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भी रहे। भूतड़ा ने पाली जिले के भाजपा संग़ठन प्रभारी व राजसमन्द लोकसभा के संयोजक के पद का दायित्व का निर्वहन भी किया। वे राम जन्म भूमि आंदोलन में भी काफी सक्रिय रहे थे जिसके अंतर्गत 1990 में टाडा के तहत एक माह जेल में भी रहे तथा 1992 में 28 नवम्बर से 7 दिसम्बर तक 10 दिनो तक राम मंदिर आंदोलन में अयोध्या में रहे। वर्तमान में जयपुर देहात उतर का संगठन प्रभारी व सदस्यता अभियान अजमेर सम्भाग के संयोजक के दायित्व के साथ लोकसभा चुनाव में अजमेर के सहप्रभारी के रूप में अपनी अहम भूमिका निभाई। भूतड़ा सन 2003 से 2008 तक ब्यावर के विधायक रहे उन्होंने इस कार्यकाल में धार्मिक छेत्र में अनूठा कार्य किया इस मे विशेष रूप से नीलकंठ महादेव तीर्थ व जम्मू कटरा की तर्ज पर माता वैष्णो देवी धाम। वे इससे पहले 1988 से 1993 तक पार्षद भी रहे। ऐसे और कई जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभाया है देवी शंकर भूतड़ा ने। इस बार भूतड़ा के समक्ष जिले में संगठन को मजबूत करने के साथ सोये हुए कार्यकर्ताओं को जगाकर सक्रिय करने की चुनौती है ! ध्यान रहे हाल ही में निकाय चुनाव के परिणामों में पिछड़ने के बाद से पार्टी नेतृत्व फूंक फूंककर कर कदम रख रहा है। वर्तमान में कुछ बड़े शहरों को छोड़कर देहात क्षेत्र में भाजपा की हालत अच्छी नहीं है। भाजपा संगठनात्मक दृष्टि से भी पिछड़ रही है, कुछ क्षेत्रों को छोड़कर सभी जगह संगठन कमजोर दिखाई दे रहा है यही वजह है कि राज्य में भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाने में भी कमजोर साबित हो रही है। संगठनात्मक स्तर भी राज्य में कहीं कोई गतिविधियां संपादित नहीं हो रही, भाजपा की निष्क्रियता का फायदा कांग्रेस को मिल रहा है, जबकि राज्य में कहीं भी कांग्रेस सरकार की कोई विशेष उपलब्धि नहीं है इसके बावजूद कांग्रेस भारी पड़ रही है। ऐसे में भाजपा को और अधिक सक्रिय होने व गांव-ढाणी तक पहुंचकर फिर से संगठन को सक्रिय करने की महती आवश्यकता है।
तिलक माथुर
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