क्या बसंत पंचमी को चुनाव होना उचित है ?

राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतीराज चुनाव के तीसरे चरण के तहत 29
जनवरी को सरपंचों के चुनाव करवा रहा है लेकिन इस दिन बसंत पंचमी का शुभ
दिन है जिस पर राज्य की समस्त स्कूलों में विद्या की देवी सरस्वती की
पूजा अर्चना की जाती है वहीं शिक्षा विभाग गार्गी पुरस्कार देकर बालिकाओं
को सम्मानित करता है। इस बार इस दिन शादी का भी अबूझ मुहूर्त है जिस कारण
से राज्य भर में हजारों की संख्या में शादियां होगी विशेषकर ग्रामीण
क्षेत्रों में इनकी संख्या ज्यादा है। अत: राज्य निर्वाचन आयोग को दोनों
कारणों को ध्यान में रखते हुए इस तिथि में संशोधन करना चाहिए।
राज्य में पंचायतीराज चुनाव के तहत तीसरे चरण में 29 जनवरी को राज्य
भर में अनेक ग्राम पंचायतों के सरपंच चुनाव होने है। 29 जनवरी को बसंत
पंचमी का शुभ दिन है जिस पर राज्य के समस्त राजकीय व निजी विद्यालयों में
मां सरस्वती की पूजा अर्चना होती है तथा इस दिन को त्यौहार के रूप में
मनाया जाता है वहीं राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा सैकण्डरी व सीनियर
सैकण्डरी की बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है।
इसी प्रकार इस वर्ष इस दिन अबूझ मुहूर्त का शादी विवाह का शुभ दिन है
जिस कारण से राज्य भर में हजारों शादियां होगी जिससे मतदाता समय पर मतदान
नही कर पाऐगा। गावों में हर गंाव में अनेक शादियां होगी जिससे सरपंच एवं
वार्डपंच चुनाव में ग्रामीण मतदाता की भागीदारी में कमी रहेगी वहीं
स्कूलों में अवकाश होने के कारण विद्यार्थी वसंत पंचमी का त्यौहार नही
मना पाएंगे। अत: इन दोनों मुख्य कारणों को ध्यान में रखते हुए राज्य
निर्वाचन आयोग को 29 जनवरी के चुनाव को संशोधन करते हुए चौथे चरण 2 फरवरी
में स्थानांतरित करना चाहिए।

Kundan singh Rajpurohit

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