मित्तल हाॅस्पिटल में लगा निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर
अजमेर सहित संभाग से आए मरीजों ने लिया परामर्श लाभ
कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ अर्पित जैन ने दी सेवाएं
अजमेर, 03 फरवरी( )। विश्व कैंसर रोग दिवस के अवसर पर मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में मंगलवार को आयोजित निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविर में अजमेर सहित भीलवाड़ा, नागौर, व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से आए अनेक रोगियों ने लाभ पाया। शिविर में कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ अर्पित जैन ने अपनी सेवाएं दीं। रोगियों में पनपे मिथक को तोड़ते हुए उन्होंने बताया कि बायोप्सी से कैंसर फैलने का कोई खतरा नहीं होता बल्कि उसके प्रकार का पता चलता है, जिससे सही उपचार की राह बनती है।
डाॅ अर्पित जैन ने विश्व कैंसर रोग दिवस पर संदेश दिया कि स्वस्थ रहने के लिए अच्छा व पौषटिक खान-पान, हैल्दी लाइफ स्टाइट और अच्छी आदतें अपना कर देखें खुद को तो अच्छा लगेगा ही साथ ही परिवार भी तनाव मुक्त और खुशहाल रहेगा। डाॅ अर्पित जैन ने बताया कि इस साल कैंसर दिवस की थीम ‘आइ एम एंड आइ विल’ रखी गई है। इसका उद्देश्य यही है। जिस तरह से रहन- सहन बदल रहा है, हमारे खान पान में कई नए तत्व शामिल हो रहे हैं, रोगी होने की संभावना बनी रहती हैं जरूरत सावधान रहने और समय समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहने की है।
डाॅ अर्पित जैन ने बताया कि कैंसर रोगी होने से ज्यादा कैंसर का नाम ही रोगी और उसके पूरे परिवार को एक गंभीर दहशत में डाल देता है। जबकि मौजूदा आधुनिक चिकित्सा तकनीक में इस रोग से इतना डरने की आवश्यकता नहीं है। कैंसर रोग लाइलाज नहीं रहा है। इसका प्रारंभिक स्तर पर पता चलने पर शत-प्रतिशत तक उपचार संभव है। कैंसर से हारने की नहीं उसे हराने का जज्बा रोगी और उसके परिवारजन में जगाए रखने की जरूरत है। डाॅ अर्पित जैन ने बताया कि बहुत से कैंसर रोगी ऐसे हैं जिन्होंने अपने हौंसले से ही कैंसर रोग पर जीत दर्ज की है। विश्व कैंसर दिवस पर ऐसे रोगियों की कैंसर से जंग की कहानी को जानना कैंसर रोग के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए जरूरी है।
परिवार ने सेवा की तो आज परिवार के साथ हूं
अजमेर निवासी 84 वर्षीय कांती देवी बताती हैं कि जब उन्हें पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर है, पूरे परिवार के लोग बेहद निराशा और तनाव में आ गए। कांती देवी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन के 60 बरसों तक तम्बाकू और सुपारी का सेवन किया। नतीजा मुंह के कैंसर से ग्रस्त होने के रूप में बुढ़ापे में सामने आया। इस उम्र में कैंसर रोग से लड़ना बहुत मुश्किल था। परिवार का प्यार और संबल था कि उन्होंने इस रोग से जंग लड़ी और जीत हांसिल की।
पेट का था कैंसर, रोटी का निवाला भी मुंह से नीचे नहीं जाता था-
अजमेर निवासी बाबू लाल ने बताया कि उन्हें पेट का कैंसर था। काफी पेरशान रहा करते थे। रोटी का निवाला भी मुंह से नीचे नहीं जाता था। कैंसर होने का पता चला तो पूरा परिवार सदमें में आ गया। लोगों ने खूब सलाहें दीं। परिवार के सहयोग और संबल से ही उपचार शुरू किया। मित्तल हाॅस्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ अर्पित जैन का उपचार लिया आज पूरी तरह स्वस्थ हूं।
मजदूरी करते गुटखा इतना खाया कि रोटी खाना दुश्वार हो गया-
अजमेर निवासी फतेहसिंह ने कैंसर से जंग जीत कर मिसाल कायम की है। फतेहसिंह ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी करते हुए तम्बाकू के गुटखे बहुत खाया करता था। मुंह व गले के कैंसर से पीड़ित हो गया। कैंसर होने का पता देरी से तब चला जब रोटी खाना भी दुश्वार हो गया। परिवारजनों की हिम्मत और प्यार के रहते उन्होंने कसम खाई और कैंसर का उपचार लिया। आज पूरी तरह स्वस्थ हैं। पहले जैसी ही मेहनत मजूरी करने लगे हैं।
कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ अर्पित जैन ने बताया कि शिविर में कैंसर के सभी तरह के रोगी परामर्श लाभ लेने पहुंचे। कुछ मरीज नए थे जिनमें ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाएं, गले के कैंसर से पीड़ित शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों ब्रेस्ट कैंसर व गले के कैंसर के रोगी अधिक पहचाने जा रहे हैं। इसका कारण खानपान में असावधानी व प्रदूषित वातावरण ही प्रमुख है। डाॅ अर्पित ने महिलाओं को सलाह दी कि स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वयं को जांचती रहें तो ब्रेस्ट कैंसर या बच्चेदानी के कैंसर का प्रारम्भिक स्तर पर ही पता चल जाएगा । रोग का देरी से पता चलने पर ज्यादा तकलीफ होती है। उन्होंने बताया कि महिलाएं चिकित्सक की सलाह पर पेट की सोनाग्राफी, ब्रेस्ट की मेमोग्राफी व पेपसिमर जांचें अवश्य कराएं। उन्होंने कहा कि महिलाए ब्रेस्ट कैंसर या अन्य रोग से पीड़ित होने के बाद भी उपचार लाभ पाने में देरी कर देती हैं जिससे रोग बढ़ जाता है।
आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में है निःशुल्क उपचार
मित्तल हाॅस्पिटल में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं व आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजनाओं आदि के तहत दूरबीन व अन्य प्रक्रिया द्वारा कैंसर सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।
निदेशक मनोज मित्तल ने बताया कि शिविर में पंजीकृत रोगियों के लिए कैंसर स्क्रीनिंग पैकेज के तहत 04 से 10 फरवरी, 2020 तक 3470 रुपए वास्तविक मूल्य की विभिन्न जाँचों सहित कैंसर रोग विशेषज्ञ परामर्श मात्र 1300 रुपए में किए जाने की छूट दी गई। इसके अलावा शिविर में पंजीकृत रोगियों को चिकित्सक द्वारा निर्देशित जांचों पर 25 प्रतिशत तथा आॅपरेशन व प्रोसीजर्स पर 10 प्रतिशत की छूट अगले सात दिवस तक प्रदान की गई।
संतोष गुप्ता
प्रबंधक जनसम्पर्क/9116049809