बिजली दरें बढ़ाकर छला जनता को – देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 7 फरवरी। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर बिजली की दरें बढ़ाकर 70 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के साथ छलावा करने का आरोप लगाया है।
देवनानी ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बिजली दरें नहीं बढाने का वादा किया था परन्तु 01 वर्ष के शासन में ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने वादे से मुकर गई। प्रदेश के मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर 90 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का भार थोंपा गया है वह बहुत भारी तो है ही साथ ही सीधे-सीधे एसे ईमानदार उपभोक्ताओं का शोषण है जो अपना बिजली बिल समय पर चुकाते है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व बिजली कम्पनियां बिजली की चोरी व छीजत रोकने में तो पूरी तरह नाकाम रही है और उनके कुप्रबंधन का खामियाजा प्रदेश की गरीब जनता व ईमानदार उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
देवनानी ने कहा कि सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाकर शहरी उपभोक्ताओं की जेब काटी है जबकि हालात यह है कि कहीं पर तो छीजत 26 से 30 प्रतिशत है और कही काफी कम। अजमेर शहर में छीजत 10-11 प्रतिशत है जबकि यहां के उपभोक्ताओं पर भी बिजली की बढ़ी हुई दरों की मार पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन का हाल यह है कि 3 से 3.50 रूपये प्रति यूनिट की दर पर खरीदी जा रही बिजली के 7 रूपये से ज्यादा वसूले जा रहे है। इतना ही नहीं गत सरकार ने इनकों उदय योजना के तहत लगभग 60 हजार करोड की राशि दी थी जिसे भी यह सरकार हजम कर गई। वर्तमान में जब विधान सभा का सत्र चल रहा है व प्रदेश का बजट पेश होने वाला है एसे समय पर बिजली दरे बढाना तो सरकार का असवैधानिक कदम है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार बेक डोर से टैक्स लगाकर जनता का जो शोषण कर रही है वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार की वादाखिलाफी के इस मामले को विधान सभा में उठाकर घेरा जाएगा।

गांधी परिवार के अलावा कांग्रेस नहीं मानती किसी को देशभक्त – देवनानी
अजमेर, 7 फरवरी। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर शिक्षा के कांग्रेसीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस गांधी परिवार के अलावा देश में अन्य किसी को देशभक्त नहीं मानती तथा इसके चलते देशभक्तों का अपमान करने पर तुली हुई है।
देवनानी ने राज्य सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि सरकार को देशभक्तों का अपमान करने की आदत सी हो गई है तथा अब राजकीय विद्यालयों के कक्षा-कक्षों के नामकरण पर राजनीति करने पर उतारू हो गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में यह निर्देश दिये गये है कि विद्यालयों के कक्षा-कक्षों पर लिखे महापुरूषों व स्वतंत्रता सैनानियों के नाम हटाकर उनके स्थान पर तीन महापुरूषों के नाम ही लिखवाये जाऐ जिनमें जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी व भीमराव अम्बेडकर शामिल है।
उन्होंने कहा कि देश के महापुरूष, क्रान्तिकारी, स्वतंत्रता सैनानी किसी पार्टी विशेष के नहीं होते है। इन पर तो समस्त देशवासियों को गर्व है तथा ये सभी के लिए सम्मानीय है। वीर सावरकर, हेडगेवार, तात्या टोपे, झांसी की रानी सहित कई महापुरूषों व स्वतंत्रता सैनानियों के नाम प्रदेश के विद्यालयों में कक्षा-कक्षाओं पर अंकित है। सरकार ने इन्हें हटाने के जो निर्देश दिये है वो इनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम बेहद निन्दनीय है। सरकार नये नाम जुड़वा सकती थी परन्तु पहले से लिखे महापुरूषों के नाम हटवाना शोभनीय नहीं है।

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