लोहागल की जलापूर्ति सुधारने में सरकार नहीं गंभीर -देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 18 फरवरी।
विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने लोहागल क्षेत्र की जलापूर्ति व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य सरकार पर गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा विधान सभा में पूछे गये एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में सरकार ने लोहागल में नारी निकेतन के पास स्थित उच्च जलाशय व उपरली मोड ढाणी में स्थित भूतल जलाशयों की भण्डारण क्षमता को क्षेत्र में 72 घण्टें के अन्तराल से पेयजल आपूर्ति के लिए पर्याप्त बताया है जबकि वास्तविकता इसकी उलटी है।
देवनानी ने कहा कि लोहागल क्षेत्र मे ंपेयजल की भारी किल्लत व्याप्त है। रोजाना क्षेत्रवासी उन्हें अपर्याप्त व 4-5 दिन के अन्तराल से जलापूर्ति प्राप्त होने की शिकायतें देते है। इस सम्बंध में जब भी जलदाय विभाग के अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका जवाब होता है कि लोहागल में स्थित जलाशयों में भण्डारण क्षमता कम होने से टंकियों को 2 या 3 बार भरने पर क्षेत्र में जलापूर्ति हो पाती है जिससे अन्तराल बढ जाता है तथा पर्याप्त मात्रा में भी पेयजल आपूर्ति सम्भव नहीं हो पाती है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय लोहागल क्षेत्र के लिए 350 लाख की पेयजल योजना स्वीकृत हुई थी जिससे फरवरी 2017 से क्षेत्र मे ंपेयजल आपूर्ति प्रारम्भ की गई। उक्त योजना के द्वितीय चरण के अन्तर्गत क्षेत्र में पर्याप्त भण्डारण क्षमता की टंकी का निर्माण कराये जाने की अपेक्षा वर्तमान सरकार से है परन्तु सरकार की मंशा नहीं है कि अजमेर शहर के पैराफेरी में स्थित उक्त क्षेत्र की जनता को पर्याप्त पानी मिल सके तथा इसी मंशा के चलते सरकार ने विधान सभा में घुमाफिराकर तथ्य प्रस्तुत किये है कि लोहागल की वर्तमान योजना आगामी वर्ष 2041 की अभिकल्पित पेयजल मांग की आपूर्ति करने में भी पर्याप्त है।
देवनानी ने इस सम्बंध में जलदाय मंत्री से मांग की है कि वे विभाग द्वारा प्रस्तुत झूठें आंकड़ों के बजाय क्षेत्र में सर्वे कराये तथा वहां की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार हेतु पर्याप्त क्षमता की नई टंकी का निर्माण करवाये।

कुल 6 चिकित्सक के भरोसे जेएलएन का अस्थि रोग विभाग व ट्रोमा सेंटर -देवनानी
अजमेर, 18 फरवरी।
विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कुल 6 अस्थि रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के भरोसे जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के अस्थि रोग विभाग एवं ट्रोमा सेंटर में सभी चिकित्सीय व्यवस्थाएं माकूल होने के सरकार के जवाब को अव्यवहारिक बताया।
देवनानी ने कहा कि उनके द्वारा जेएलएन के ट्रोमा संेटर में चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरने एवं व्यवस्थाओं के सुधार के बारे में विधान सभा में एक अतारांकित प्रश्न पूछा था जिसके जवाब में सरकार ने गोलमाल करते हुए आंकड़े प्रस्तुत कर बताया है कि ट्रोमा सेंटर में सर्जरी, निश्चेतन व अस्थि रोग के दो-दो पद स्वीकृत है साथ ही कैज्यूल्टी चिकित्सा अधिकारी के भी 2 पद स्वीकृत है। परन्तु वहां कार्यरत चिकित्सकों के जवाब में मेडिकल काॅलेज में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों को ही ट्रोमा सेंटर में रोटेशन से ड्यूटी पर लगाया जाना बताया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें हैरत की बात यह है कि जेएलएन के अस्थि रोग विभाग में चिकित्सक शिक्षकों के स्वीकृत 15 पदों में से वर्तमान में कुल 6 चिकित्सक ही कार्यरत है एसे में ट्रोमा सेंटर के साथ अस्थि रोग विभाग में भर्ती मरीजों का ईलाज कैसे सम्भव हो पा रहा है जबकि ट्रोमा सेंटर में अस्थि रोग के स्वीकृत 2 पद भी रिक्त है।
देवनानी ने कहा कि उनके प्रश्न के जवाब में सरकार ने बताया है कि वर्ष 2018 व 2019 में जेएलएन के ट्रोमा सेंटर में कुल 1854 मरीज भर्ती हुए जिनमें से किसी भी भर्ती मरीज को अन्य चिकित्सालय में ईलाज हेतु रेफर नहीं किया गया ।
उन्होने चिकित्सा मंत्री से आग्रह किया कि ट्रोमा सेंटर के वास्तविक हालात प्रश्न के जवाब से मेल नहीं खाते है। सरकार को ट्रोमा सेंटर में आने वाले दुर्घटनाओं के गंभीर मरीजों के ईलाज की समुचित व्यवस्थाओं के प्रति गंभीरता बरतते हुए शीघ्र ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति करनी चाहिए।

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