बजट मात्र नारों और जुमलों का पिटारा-विजय पाल चौधरी

गूरुवार को पेश आम बजट को रालोपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट विजय पाल चौधरी ने नारों और जुमलों का पिटारा बताते हुये कहा है कि बजट ने सभी तबकों को निराश किया है। कोंग्रेस का एक और निराशाजनक बजट आया। न नौकरीपेशा को फायदा, न कारोबारी को, न उद्योग को, न किसान-मजदूर-गरीब को। प्रदेश के युवा और भी निराश हो गए हैं मात्र 53 हजार भर्ती का सपना दिखाया गया । महंगाई की मारी गृहणी और भी हताश हैं। अगर कोंग्रेस के भ्रष्टाचार पर कर लगा दिया जाए तो प्रदेश के बुरे दिन समाप्त हो जाएंगे।
राष्टीय लोकतान्त्रिक पार्टीरालोपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट विजय पाल चौधरी ने कहा, ”बजट में शामिल नारों और जुमलों पर विधानसभा में खूब वाह वाह हो रही थी। हकीकत यह है कि बजट में ना तो नये राजस्थान के निर्माण के बारे में कुछ है, ना ही आम आदमी के साथ किसी तरह के न्याय की झलक दिखती है।”
एडवोकेट विजय पाल ने इसे दिशाहीन बजट बताते हुये कहा कि कृषि, भारी उद्योग, वस्त्र, निर्यात और निवेश सहित अर्थव्यवस्था के किसी भी प्रमुख क्षेत्र के लिये बजट में कोई दिशा और दृष्टि नहीं दिखी। उन्होंने कहा, ”इस बजट में ना विजन (दृष्टिकोंण) है ना प्रोवीजन (प्रावधान) है क्योंकि इसमें यह बताया ही नहीं गया है कि कहां से राजस्व प्राप्तियां हासिल की जायेंगी और कितना व्यय हुआ।

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