संघर्ष और स्वाभिमान का पर्याय होता है सिन्धी

✍️✍️ *बिजयनगर के सिन्धी समाज ने दिया देशवासियों को अनूठा संदेश*
मित्रों भारत देश में विभिन्न जाति एवं सम्प्रदाय के लोग रहते हैं इसलिए इस देश में संविधान की पालना में पंथ निरपेक्ष व्यवस्था बनी हुई है।आजादी के बाद जब देश का विभाजन हुआ तो यह तय हुआ कि जिन मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों को पाकिस्तान जाना है वो वहां जाए और जिन हिंदुओं को भारत आना है वो भारत आ जाए।चूंकि सिन्धी समाज का अलग से कोई धर्म नहीं है वो हिन्दू धर्म का ही पालन करता है।उसके ऊपर भारतीय कानून के अनुसार हिन्दू विधि ही लागू होती है।जब ये समाज भारत में आया तो अलग अलग प्रदेशों में इनको भेज दिया गया।सरकार द्वारा इनको सिर्फ वैकल्पिक व्यवस्थाएं दी गई जैसे वर्तमान समय में *शेल्टर होम* बने हुए हैं।राजस्थान में आने वाले सिंधियों को जयपुर के बस स्टेंड पर पनाह दी गई थी जिसका नाम आज भी *सिन्धी कैम्प* के रूप में विख्यात है।यहीं से शुरू होती है इस समाज की संघर्ष की कहानी जो बहुत लंबी है।तीन दिन तक लिखूं तो भी शब्द कम नहीं पड़े।लेकिन आज ये समाज पूरे देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।ऐसा कोई व्यवसाय नहीं है।ऐसी कोई नौकरी नहीं है जहां इस वर्ग का प्रतिनिधित्व ना हो। *मुझे गर्व है इस बात का कि मैं सिन्धी हूं* आज भारत देश में कुल मिलाकर सिन्धी समाज की आबादी लगभग 90-95 लाख है जो कुल आबादी का एक प्रतिशत भी नहीं है। *लेकिन हर जगह आपको सिन्धी परिवार मिलेगा और वो भी समाज में इस तरह से घुला मिला हुआ जैसे दूध में शक्कर*
दोस्तों मैं बात कर रहा हूं बिजयनगर सिन्धी समाज की।कल मेरा बिजयनगर जाने का काम पड़ा था।सोचा कि समाज बंधुओं से भी मिल लेते हैं।कुछ प्रेरणा ही मिलेगी।हांलाकि जो बात मैं आपको बताने जा रहा हूं मुझे उसकी जानकारी लग चुकी थी लेकिन मीडिया में या सोशल मीडिया में ऐसी कोई बात आई नहीं तो फिर मिलना और ज्यादा जरूरी हो गया था।मिलने के बाद और भी बातों की जानकारी मिली जो आप मित्रों से शेयर करना इसलिए जरूरी है क्योंकि आज इस दौर में सब नेगेटिविटी फैलाने में लग रहे हैं और मुझे पॉजिटिविटी पसंद है और वही फैलाने का प्रयास करता हूं।
*बिजयनगर सिन्धी समाज की अनुकरणीय पहल* समाज द्वारा लॉक डाउन के पूर्व एक एक परिवार से चेटीचंड पर्व धूमधाम से मनाने के लिए चंदा इकठ्ठा किया गया था जो राशि काम नहीं आने पर किसी ने इस राशि को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराने की सलाह दी,किसी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करवाने की राय दी तो किसी ने स्थानीय प्रशासन को, जमा करवाने की सलाह दी लेकिन सही सलाह जो निकलकर आई वो ये आई कि पहले हम अपने समाज के उन लोगों के तो हालचाल पूछ लें जो ठेला लगाते हैं,रेडी चलाते हैं, मिल में मजदूरी करते हैं,चाय की होटल पर व अन्य छोटी मोटी दुकानों पर नौकरियां करते हैं, टेक्सी चलाते हैं,बस में कंडक्टरी करते हैं,नाश्ते का ठेला लगाते हैं।ऐसे परिवारों को चिन्हित करते हुए उनसे मिले,उनके हाल चाल जाने और फिर उनको एक परिवार के मुखिया की भांति राशन की सामग्री दी गई।और हां ना तो उनके फ़ोटो लिए गए ना उनका नाम कहीं डिस्क्लोज किया गया।ऐसी अद्भुत,अनूठी महान सोच रखने वाले और उसको मूर्त रूप देने वाले सम्मानीय पूज्य सिंधी पंचायत बिजयनगर के सरक्षक दौलतराम मानकचंदानी, प्रहलाद रायसिंघानी,अध्यक्ष राजकुमार आसवानी,सचिव टीकम हेमनानी,नवयुवक मंडल के अध्यक्ष सुरेंद्र आसवानी उर्फ शहंशाह,सदस्य दीपक मनानी,पार्षद उषा कलवानी को दिल से सेल्यूट करता हूं।ऐसा नहीं है कि इन्होंने केवल समाज का ही ध्यान रखा हो इन्होंने कस्बे की हर संस्था के साथ अपनी पूरी भागीदारी निभाई है।भारत विकास परिषद हो,चाहे पत्रकार संघ हो,चाहे व्यापारिक एसोसिएशन हो।हर संगठन के साथ रहते हुए किसी ने व्यक्तिगत रूप से भी सभी सहायता कोषों में,नगरपालिका के सहयोग से चल रही भोजनशाला में भी सहयोग की राशि दी है।यहां इस पर विषय पर लंबा डिसकस करने का कोई औचित्य नहीं है।
*पूज्य सिंधी पंचायत द्वारा जो राहत सामग्री के किट प्रदान किए जा रहे हैं।उनमें पर्याप्त सामग्री आटा,चावल,पोहा शक्कर,चाय की पत्ती,नमक, मिर्ची,हल्दी,आलू,प्याज लहसुन इत्यादि और ये सब आइटम ब्रांडेड हैं*
एक और महत्वपूर्ण काम पूज्य सिंधी पंचायत बिजयनगर के संरक्षक दौलतराम मानकचंदानी द्वारा किया जा रहा है।चूंकि ये बिजयनगर फल एवं सब्जी मंडी के भी अध्यक्ष हैं।वहां इन्होंने मंडी में फल एवं सब्जी की व्यवस्था को सुचारू बनाकर प्रतिदिन व्यापारियों से भाव तय कराकर एवं उस रेट को मंडी के लेटर पैड पर प्रमाणित कर रिटेल रेट लिस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासन व आमजन को उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि आमजन को उचित मुल्य पर फल एवं सब्जियां मिल सके।यही वजह है कि बिजयनगर क्षेत्र में फल एवं सब्जीयां बहुत ही वाजिब दरों पर आमजन को घर बैठे मिल रही हैं।इन्ही से प्रेरणा लेकर गुलाबपुरा व बांदनवाड़ा में भी इस तरह का कार्य प्रारंभ हो गया है।गुलाबपुरा में पूज्य सिंधी पंचायत अध्यक्ष गोपेश मैठानी एवं नवयुवक मंडल अध्यक्ष गुलशन हेमनानी भी समाज के जरूरतमंद परिवारों का हरसंभव सहयोग कर रहे हैं।बांदनवाड़ा में राजेंद्र कृपलानी,ओमप्रकाश आहूजा,धर्मेंद्र किशनानी,दीपक बेलानी ने भी सेवाएं देना प्रारंभ कर दिया है।धन्य हैं ऐसे लोग और ऐसी ब्रांडेड सोच रखने वाले व्यक्तित्व के धनी,जिन्होंने अपने परिवार व समाज के स्वाभिमान को जिंदा रखा।जिस समाज ने आजादी के बाद आज तक किसी भी परिस्थिति में भीख नहीं मांगी जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व संघर्ष के साथ एक मिसाल कायम की ऐसे कर्मवीरों को इस राष्ट्रीय आपात कालीन परिस्थितियों में भी सहयोग करके उनका स्वाभिमान जिंदा रखा।ऐसे मेरे समाज के आदरणीय लोगों का मैं सम्मान करते हुए स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।इसी बात पर बोलो अयोलाल सबै चओ झुलेलाल।लाल जा जाति सबै चवो झुलेलाल।वाह रे सिन्धी वाह..👌💐👌💐 मुझे गर्व है कि मैं इस स्वाभिमानी कौम का हिस्सा हूं।जय भारत,जय हिंद…💐💐

डॉ.मनोज आहूजा एडवोकेट एवं पत्रकार
9413300227….

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