जैसलमेर देश-दुनिया में कोरोना के कहर का खौफ है। वहीं जैसलमेर प्रदेश के
24 जिलों के मुकाबले सबसे सुरक्षित है,मगर पोकरण 32 कोरोना पॉजिटिव के
साथ हॉट स्पॉट बना हुआ हैं ,जंहा प्रशासन हाई अलर्ट पर है । इसकी वजह 29
दिनों से कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं के साथ आमजन भी है। लोग अपने
घरों में ही रहे और डॉक्टर, पुलिस व प्रशासन की टीमों ने जिले की सीमाएं
सील करने के साथ बाहरी लोगों को एंट्री ही नहीं दी। संदिग्ध मरीजों को
होम आइसोलेशन किया। बीते 29 दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने 699 संदिग्ध
मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे। इसमें 580 की रिपोर्ट आ चुकी है। 549
निगेटिव और 32 पॉजिटिव केस सामने आया है। अभी 119 की रिपोर्ट बाकी है।
प्रदेश के 25 जिलों में कोरोना की एंट्री हो चुकी है। इसमें जैसलमेर का
पोकरण भी शामिल है।पोकरण में बत्तीस कोरोना पॉजिटिव केस है। पोकरण में
छह कोरोना संक्रमित ठीक होकर वापस आ चुके हैं ,67 मरीज आईसोलेशन वार्डो
में हैं , जैसलमेर अभी कोरोना से बचा हुआ हे तो इसका कारन जिला कलेक्टर
नामित मेहता ,पुलिस अधीक्षक डॉ किरण कंग ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी
के बारूपाल के नेतृत्व जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन ,मेडिकल विभाग का पूरी
तरह मुस्तैद होना हैं ,
जोधपुर पोकरण में कोरोना का कहर, इसलिए सिर्फ इमरजेंसी में ही मिल रही एंट्री
जैसलमेर को जोधपुर से जोड़ रहे एनएच 25 की दूरी 300 किलोमीटर तो पोकरण महज
सौ किलोमीटर है। जोधपुर और पोकरण में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा लगातार
बढ़ने से खतरा बरकरार है। ऐसे में जोधपुर और पोकरण से आने वाले लोगों को
जिले की सीमाओं में एंट्री नहीं दी जा रही है। जोधपुर सिर्फ इमरजेंसी में
अनुमति दी जा रही है। जिले की सरहद पर स्थित चेक पोस्ट पर चौकसी बढ़ा रखी
है। इतना ही नहीं आस-पास के एरिए के कच्चे रास्ते भी बंद कर दिए हैं।
टोल प्लाजा से कुछ दूरी पर ही चेक पोस्ट पर हाइवे से आने-जाने वाले
वाहनों की रजिस्टर में एंट्री करने के बाद रवाना किया जा रहा है।
24 घंटे कर्मचारी रहते हैं चौकस,बेरिकेड्स लगा बंद किया हाइवे
पोकरण से गुजर रहा स्टेट हाइवे जोधपुर पहुंचता है। जिले की सीमा के
अंतिम गांव राजबेरा में चेक पोस्ट बीते 28 दिनों से संचालित हो रही है।
यहां पर दो पुलिसकर्मियों के साथ एक राजस्व कर्मचारी की हर आठ घंटे के
अंतराल में ड्यूटी लगी है। यहां पर सख्ताई इतनी है कि कोई झूठा बहाना
करके भी एंट्री नहीं ले सकता है। टीम 24 घंटे हाइवे पर बेरिकेड्स लगा रखे
हैं। अनुमति से आने व जाने वाले वाहन चालक के साथ वाहन में सवार लोगों का
पूरा ब्यौरा बताने के बाद छोड़ा जा रहा है। यहां से आधा किलोमीटर दूर
जैसलमेर जिले की सरहद में चेक पोस्ट है। दोनों पर काफी संख्या में बाहरी
क्षेत्रों से आए श्रमिक भी मिले।
चेक पोस्ट बिना अनुमति किसी को एंट्री नहीं
जिले के अंतिम गांव फतेहगढ़ में एनएच 68 पर चैक पोस्ट स्थापित है। 9
कर्मचारियों की टीम ड्यूटी कर रही है। 8-8 घंटे के अंतराल में तीन-तीन
कर्मचारी लगे हैं। जैसलमेर से बाड़मेर की तरफ और बाड़मेर से आने वाले
वाहनों को रोका जाता है। वाहन के पास अनुमति होने पर ही एंट्री देते हैं।
इमरजेंसी को छोड़कर किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। जैसलमेर शहर से
बाहर निकलते ही ग्रामीण पुलिस थाना के आगे नाकाबंदी है। यहां से 40
किलोमीटर दूर देवीकोट और फिर फतेहगढ़ चेक पोस्ट। यानी जैसलमेर से बाड़मेर
पहुंचने से पहले तीन जगह वाहनों के साथ पैदल जाने वाले लोगों से पूछताछ
करने के बाद ही एंट्री दी जा रही है।