लाँकडाउन अच्छा मौका है मृत्यु भोज बंद करने का -डॉक्टर सुबे सिंह चौधरी

भले ही लॉकडाउन लोगो की परेशानियों का सबक बन गया हो ।लेकिन इसमें कई कुप्रथाओ पर अंकुश लगाने की रहा भी खोल दी है। देर असल इस दौरान जिन परिवारों में मौत हुई है। वह तेरवी पर मृत्यु भोज आयोजित नहीं कर पाए हैं। इसलिए यह परंपरा जिन समाजों में लागू है उन्हें समाजो को लाँकडाउन ने मौका दिया है। कि अब इस कुप्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा सके। इसी सकारात्मक सोच के साथ अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सुबे सिंह चौधरी ने एक अनुरोध पत्र प्रदेश के सभी जाट समाज के जिला अध्यक्षो कौ लिखा है साथ ही दो दर्जन से भी ज्यादा दूसरी समाज के अध्यक्षों को भी पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अपील की है कि वह मृत्युभोज जैसी कुप्रथा पर अंकुश लगाने के लिए पहल करें ।डॉक्टर सुबह सिंह चौधरी ने काहा की मृत्यु भोज मे खर्च होने वाली राशि समाजजन किसी भी अनाथालय में बच्चियों की शिक्षा पर खर्च करके राशि का सदुपयोग कर सकते हैं ।इस पत्र के जवाब में कई समाज के अध्यक्षो ने आश्वासन दिया है कि निश्चय ही मृत्यु भोज बंद करने का निर्णय लेंगे ।डॉक्टर सुबे सिंह चौधरी ने पत्र में तर्क दिया कि जब अभी किसी ने मृत्यु भोज नहीं करने की समाज में निंदा नहीं की। तो बाद में भी नहीं होगी ।इसलिय यह लाँगडाउन अच्छा है क्यों नहीं सदा के लिए बंद कर दें मृत्यु भोज।

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