चिकित्सक सहित समस्त कार्मिक है कोरोना योद्धा

अजमेर, 30 अपे्रल। जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं संलग्न चिकित्सालयों में चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक कोरोना योद्धा बनकर मुस्तैदी के साथ कोरोना ग्रस्ति व्यक्तियों का उपचार कर रहे हैं। जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वी.बी. सिंह, जेएलएन चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. अनिल जैन तथा कोविड प्रभारी डॉ. संजीव माहेश्वरी ने गुरूवार को मीडिया कर्मियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि कोरोना के महामारी घोषित होने के साथ ही सम्पूर्ण तैयारियां कर ली गयी थी। इस के लिए जेएलएन चिकित्सालय के मुख्य भवन को पूर्णतः खाली करवा लिया गया। यहां संचालित ओपीडी एवं आईपीडी को अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया गया। पूर्व में 5 कोरोना पोजीटिव मरीजों को राज्य सरकार की तत्कालीन गाईडलाईन के अनुसार जयपुर भिजवाया गया था। उसके बाद आए सभी पोजीटिव मरीजों को अजमेर में ही रखकर उनका उपचार किया जा रहा है। उनमें से 14 मरीजों को कोरोना फ्री होने के उपरान्त क्वारेंटाइन सेन्टर भेजा चुका है। यह सफलता उपचार में लगे समस्त व्यक्तियों का मनोबल एवं उत्साह को बढाने में सहायक है। वर्तमान में एक सौ ग्यारह पोजीटिव मरीज भर्ती है। साथ ही 98 संदिग्ध मरीज भी भर्ती है। अब तक कुल 4 हजार 763 मरीजों को आईएलआई ओपीडी में उपचार दिया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान विकट परिस्थतियों में भी समस्त स्टाफ बिना किसी भय के इस भयानक महामारी के संदिग्ध अथवा ग्रसित मरीजों की सम्पूर्ण निष्ठा से सेवा कर रहा है। इन सभी मरीजों की वरिष्ठ चिकित्सकों, रेजीडेन्ट चिकित्सकों, नर्सिग कर्मचारियों, सहायक कर्मचारियों, सफाई कर्मचारियों आदि की विशाल टीम द्वारा दिन-रात सेवा की जा रही है। इसके लिए 20 वरिष्ठ चिकित्सकों, 40 रेजीडेन्ट चिकित्सकों, 200 नर्सिंग कर्मचारियों, 70 वार्ड बॉय, 60 कर्मचारियों, 10 किचन स्टॉफ एवं 20 से अधिक सहायक कर्मचारियों का स्टॉफ एक समय में बिना किसी छुट्टी के अपनी सेवाऎ दे रहा है। इन सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण यथा पीपीई किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, ग्लवस, केप आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इन सभी कार्यरत स्टाफ को भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रोपिलेक्स के रूप में दवाएं भी दी जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अस्पताल में 650 बिस्तरों की व्यवस्था है। इनमें से 60 बिस्तरों पर आईसीयू की व्यवस्था की गई है। यहां पर अधिकतम 500 मरीज भी भर्ती रह चुके है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के उपचार के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय निर्देशों का गहन अध्ययन के लिए एक स्थानीय विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। उसी प्रोटोकॉल के अनुसार सभी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। अस्पताल के सभी मरीजों की भोजन व्यवस्था के लिए आउटसोर्सिंग की गयी है। सभी को पैकेज्ड फूड उपलब्ध करवाया जा रहा है। मरीजों एवं स्टॉफ के लिए बोतल बंद पानी मुहैया कराया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार का क्रॉस इंफेक्शन ना हो। आईएलआई ओपीडी एवं अन्य सभी वार्डाें में इन्फ्रा रेड थर्मामीटर, प्लस ऑक्सीमीटर, डिजीटल बीपी उपकरण, बेड साईड एक्स-रे, बेड साईड सोनोग्राफी आदि की सभी सुविधाएं 24 घंटे उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि मरीजों के बढते भार को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरन्त फैसला लेते हुए दो नयी आरटीपीसीआर मशीन उपलब्ध करायी। इन पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। शीघ्र ही तीन आरटीपीसीआर मशीन भी उपलब्ध हो जाएगी। आगामी कुछ दिनों में तीन नये ओटोमेटिक आरएनए एक्सट्रेक्टर मशीन की उपलब्धता होने से टेस्टिंग क्षमता लगभग एक हजार टेस्ट प्रतिदिन की हो जाएगी। अब तक कुल 3 हजार 683 सेम्पल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 157 पोजीटिव आएं। वर्तमान में लगभग 24 घंटे में ही मरीजों की रिपोर्ट प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ-साथ कार्यरत स्टाफ का भी पूर्ण ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार के आदेश प्राप्त होने से पूर्व ही उनमें कार्यरत चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टॉफों उनके स्वयं एवं उनके परिवारजनों की सुरक्षा के मध्यनजर पूर्व में ही उन्हें होटल क्वारेंटाइन की सुविधा दी जा चुकी है। राज्य सरकार के आदेश आने के पश्चात् इसे और विस्तृत रूप दिया जा चुका है। इस चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा अजमेर शहर के अलावा अन्य स्थानों यथा ब्यावर, अरांई, परबतसर, टोंक आदि जगहों पर आरआरटी टीम ने जाकर अपनी अमूल्य सेवाएं दी है। अस्पताल के मनोरोग चिकित्सकों द्वारा जिला प्रशासन द्वारा संचालित विभिन्न क्वारेंटाइन सेन्टरों पर नियमित रूप से जाकर वहां उपस्थित व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर दवाई उपलब्ध करायी जा रही है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मरीजों के अलावा चिकित्सालय की अन्य सुविधाएं भी यथावत जारी है। मेडीसिन संबंधी मरीजों को कार्डियोलोजी में देखा एवं भर्ती किया जा रहा है। सर्जरी एवं अस्थि रोग संबंधी मरीजों को यूरोलोजी विभाग में देखा एवं भर्ती किया जा रहा है। इसी तरह जनाना अस्पताल, शिशु रोग विभाग, मनोचिकित्सा विभाग, रेडियोथेरेपी विभाग, कार्डियोलोजी विभाग, वक्ष रोग विभाग एवं सैटेलाईट चिकित्सालय की सुविधाएं यथावत जारी है। हाल ही में सुपर स्पेशलिटी ओपीडी यथा प्लास्टिक सर्जरी, शिशु रोग सर्जरी, गेस्ट्रोनट्रोलोजी एवं न्यरो सर्जरी ओपीडी को मनोरोग चिकित्सा बील्डिंग में पुनः चालू कर दिया गया है।

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