बोर्ड की प्राथमिकता है कि परीक्षाओें के बाद परिणाम घोषित होंगे

अजमेर 02 जून। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डी.पी. जारोली ने कहा है कि बोर्ड की प्राथामिकता है कि इस माह होने वाली 10वीं और 12वीं की शेष रही परीक्षाओें के आयोजन के बाद उनका परिणाम शीघ्र घोंिषत किया जाये। इसके लिए बोर्ड ने कई नवीन व्यवस्थायें लागू की है, जिनमें मुख्यतः परीक्षकों को मूल्यांकन हेतु भेजे जाने वाली उत्तरपुस्तिकाओं की संख्या में कटौती है। पूर्व में प्रति परीक्षक 450 उत्तरपुस्तिकायें मूल्यांकन हेतु दी जाती रहीं है। अब अधिकतम 300 उत्तरपुस्तिकायें परीक्षक को मूल्यांकन हेतु दी जायेगी ताकि वे 10 दिन में उनका मूल्यांकन कर सकें। दूसरी महत्वपूर्ण व्यवस्था यह लागू की गई है कि सभी परीक्षको को मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं के प्राप्तांक ऑनलाईन बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से अपलोड करने होंगे। इसके लिए सभी परीक्षकों को गुप्त कोड जारी किया जा रहा है। यह गुप्त कोड फीड करने के बाद उनको मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी के आधार पर ही वे अपने परीक्षार्थियों के प्राप्तांक ऑनलाईन फीड कर सकेंगे।
डॉ. जारोली मंगलवार को बोर्ड परीक्षाओं के अयोजन के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों से संवाद के प्रथम चरण में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभाकक्ष में राज्य के 16 जिला शिक्षा अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र के केन्द्राधीक्षकों को निर्देशित करे कि जो परीक्षा केन्द्र कोविड सेन्टर के रूप में चिह्नित थे, उन्हंे अपने क्षेत्र के जिला प्रशासन एवं नगर पालिका के माध्यम से सेनेटाईज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करे। बोर्ड स्तर पर भी परीक्षार्थियों को एडवाइजरी जारी की जायेगी कि वे सोशल डिस्टेसिंग और सेनेटाईजेशन के लिए एक घण्टा पूर्व परीक्षा केन्द्र पर में प्रवेश कर सकते हैं।
बोर्ड के सचिव अरविन्द कुमार सेंगवा ने कहा कि बोर्ड, राज्य सरकार और उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में परीक्षाओं के आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए दृढप्रतिज्ञ है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से कहा कि पूर्ववर्त्ती परीक्षा केन्द्रों पर प्रति कक्ष 40 प्रतिशत परीक्षार्थी कम कर परीक्षा आयोजन की रूपरेखा बनाये। उन्होनंे कहा कि आवश्कता पडने पर वर्तमान परीक्षा केन्द्रों के प्रयोगशाला, पुस्तकालय कक्ष और सभाकक्ष इत्यादि का भी परीक्षा कक्ष के रूप में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी महाविद्यालय, निजी विद्यालय, पॉलोटेननिक कॉलेज और इंजिनियरिंग कॉलेज बन्द पडे़ है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से चर्चा कर उन्हें परीक्षा केन्द्र के रूप में उपयोग में लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस परीक्षा केन्द्र से परीक्षार्थी अन्य केन्द्र पर स्थानान्तरित किय जायेगे वो उस परीक्षा केन्द्र का उपकेन्द्र कहलायेगा। बारिश और आंधी की संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी परीक्षा केन्द्र पर टेन्ट में परीक्षा आयोजन की स्वीकृति नहीं दी जायेगी।
बैठक में बूंदी, झालावाड़, बांरा, कोटा, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ, डूंगरपुर, प्रतापगढ, राजसमन्द, जयपुर, धौलपुर, दौसा, जोधपुर, बाडमेर व जैसलमेर के जिला शिक्षा अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में बोर्ड की वित्तीय सलाहकार-श्रीमती आनन्द आशुतोष, निदेशक (गोपनीय)- जी.के माथुर, उपनिदेशक-कमल गर्ग व राजेन्द्र कुमार सक्सैना, ए.सी.पी.- महेन्द्र सिंह शक्तावत और प्रोगामर मुकेश विजय ने भी अपने विचार प्रकट किये।

उप निदेषक (जन सम्पर्क)

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