क्षेत्रीय जड़ी बूटियों पर अनुसंधान की महती जरूरत— प्रो सिंह

योग विज्ञान एवं मानवीय चेतना विभाग की राष्ट्रीय वेबीनार
अजमेर, 4 जून()। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर पी सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय जड़ी बूटियों पर अनुसंधान की महती आवश्यकता है जिससे उनका संवर्धन कर उन्हें जन उपयोगी बनाया जा सके।
कुलपति प्रो. सिंह मदस विश्वविद्यालय के योग विज्ञान एवं मानवीय चेतना विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित कर रहे थे। इस वेबीनार में पारंपरिक चिकित्सा के माध्यम से प्रतिरक्षा तंत्र के सामर्थ्य में योग, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा की भूमिका पर चर्चा हुई। आयोजन सचिव डॉ असीम जयंती बताया कि वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने विषय को वर्तमान परिपेक्ष में अत्यधिक प्रासंगिक बताया।
विभाग की प्रभारी डॉ असीम जयंती देवी के अनुसार वेबीनार के मुख्य वक्ता गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय,गांधीनगर से प्रोफेसर जे पी एन मिश्रा थे। उन्होंने योग विज्ञान विभाग को फैकल्टी के साथ में पोषित करने तथा शीघ्र अनुसंधान का कार्य प्रारंभ करने की सलाह दी। उन्होंने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को वैज्ञानिक रीति से समझा कर उसे जड़ी बूटियों द्वारा सामर्थ्यवान बनाने की गुणवत्ता पर जोर दिया।
वेबीनार के समन्वयक डॉक्टर लारा शर्मा ने बताया की उक्त वेबीनार में दो दिवस में 747 प्रतिभागियों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराएं। द्वितीय वक्ता के रूप में योग व आयुर्वेद व्यासा, सिंगापुर के प्रबंधक मिस्टर मनोज ठाकुर ने पंचकोश के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखने के उपायों को अपनाने पर जोर दिया। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ काशीनाथ ने आयुर्वेद के अनुसार शरीर की संकल्पना के माध्यम से वात, पित्त, कफ के संतुलन का उपाय व संक्रामक काल में दिनचर्या के प्रबंधन का मार्गदर्शन प्रदान किया।
वेबीनार को तकनीकी मजबूती महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नीरज भार्गव ने प्रदान की। आयोजन समिति के सदस्य डॉ अश्विनी तिवारी , डॉक्टर राजू शर्मा, डॉ नमिता मोयल,सुगन चंद, दीपचंद पवार सहयोग हेतु विभाग में उपस्थित थे।

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