भाजपा ने 25 जून को काला दिवस के रूप मे मनाया

1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लागू आपातकाल के विरोध मे भाजपाइयों ने आपातकाल की निदा की, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष प्रिययाशील हाडा ने कहा कि भारत में 25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक आपातकाल लागू किया गया था। तब देश की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिले थे। आपातकाल के दूसरे दिन ही जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई समेत तमाम बड़े नेता गिरफ्तार कर लिए गए थे। प्रेस की आजादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था,आपातकाल अवधि में समाज और जनता पर घोर अत्याचार और जुल्म हुए थे
कांग्रेस सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण भारतीय संविधान के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल कर देश में आपातकाल लगाया था। भारतीय इतिहास में 25 जून का दिन एक काले साए के रूप में दर्ज है। आपातकाल के विरोध में उठे प्रत्येक स्वर को कोटि-कोटि नमन।
आज भी वही प्रवृत्ति कांग्रेसियो मे है जहां परिवार के प्रति भक्ति, राष्ट्रभक्ति और यथार्थ से ऊपर दिखाई दे रही है इसीलिए चाहे कांग्रेस के नेता हो या प्रवक्ता हों, सभी की आवाज को दबाकर केवल परिवार का भीषण नाद चारों तरफ गुंजाया जा रहा है
आज कोई राजनेता के खिलाफ एफआईआर होती है तो देश में उसकी चर्चा होती है। लेकिन आपातकाल में जो लोग जेल में गए थे, उनको जेल जाते समय ये भी पता नहीं था कि वो वापस घर आएंगे भी या नहीं आएंगे
काला दिवस प्रजातंत्र पर आघात था। 1.40 लाख लोगों को जेल में डाला गया, कोर्ट की आवाज को दबा दिया गया, न्याय व्यवस्था को अपने कब्जे में ले लिया
सांसद भगीरथ चौधरी ,, अजमेर उत्तर विधायक श्री वासुदेव देवनानी ,अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल, ओकार सिंह लखावत,महापौर धर्मेंद्र गहलोत, उपमहापौर सम्पत सांखला , आदि ने आपातकाल की घोर निंदा की

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