पाकिस्तानी वैज्ञानिक खलील चिश्ती बरी

अजमेर। पाकिस्तानी नागरिक और माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. खलील चिश्ती को सुप्रिम कोर्ट ने बरी कर राहत प्रदान की है। इस खबर से अजमेर में उनके परिवार में खुशी का माहौल है। परिजन ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर डॉ खलील चिश्ती की रिहाई की खुशियां मनाई।
82 साल के डॉक्टर खलील चिश्ती को 1992 में हुई एक हत्या के मामले में निचली अदालत और राजस्थान हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने चिश्ती को जान बूझकर नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया, लेकिन इसके लिए उतने ही समय की सजा सुनाई, जो वह जेल में पहले ही काट चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चिश्ती को पासपोर्ट सहित सभी दस्तावेज लौटाएं, जो कि बिना किसी बाधा के पाकिस्तान लौटने को मुक्त हैं। चिश्ती ने राजस्थान हाईकोर्ट में खराब सेहत का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसी साल मई में 20 साल बाद अपने वतन लौटे खलील चिश्ती फिर से भारत में हैं। एक लम्बी कानूनी जंग के बाद उनकी रिहाई से परिवार में ईद सा माहोल है और हर तरफ  से रिश्तेदार एक दूसरे को फोन पर बधाईया दे रहे हैं।
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