नहीं माने बिजली चोर, 3692 स्थानों पर हुई धरपकड

अजमेर, 10 जुलाई। अजमेर विद्युत वितरण निगम द्वारा डिस्कॉम के सभी 11 जिलों में बिजली चोरों के खिलाफ छेडी गई जंग जारी है। डिस्कॉम ने एक बार फिर बिजली चोरों को चौंकाते हुए तड़के ही छापा मार दिया। निगम के 947 इंजीनियरों ने एक साथ 6761 जगहों पर छापा मारा। इनमें 3692 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी गई है।

अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री वी.एस. भाटी ने बताया कि निगम द्वारा चलाए जा रहे हल्लाबोल 2.0 अभियान के तहत इस बार 947 इंजीनियरों ने एक साथ 6761 जगहों पर छापा मारा। इनमें 3692 जगहों पर बिजली चोरी पकड़ी गई है। इन पर 6.90 करोड रूपये जुर्माना लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि डिस्कॉम ने पिछले वर्ष की तरह इस बार फिर बिजली चोरों को सबक सिखाने और राजकोष को घाटा पहुंचाने से रोकने के लिए हल्ला बोल 2.0 शुरू किया है। डिस्कॉम ने इस साल 14 प्रतिशत से कम बिजली छीजत का लक्ष्य रखा है। इसके लिए यह अभियान शुरू किया गया है।

उन्होंने बताया कि निगम की ओ एण्ड एम व विजिलेंस शाखा के अलावा मीटर एण्ड प्रोटेक्शन शाखा, स्टोर शाखा व प्रोजेक्ट शाखा के अभियंताओं को भी प्रत्येक शनिवार को सतर्कता जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस सप्ताह निगम के 947 इंजीनियरों ने 11 जिलों में 6761 परिसरों की जांच की। जिसमें 3692 जगह विद्युत चोरियाँ पकडी गई। निगम ने बिजली चोरों पर 6.90 करोड रूपये का जुर्माना लगाया है। डिस्कॉम की टीम को यह बडी सफलता मिली है।

श्री भाटी ने बताया कि डिस्कॉम की टीम में सबसे अधिक नागौर जिले के अभियंताओं ने 524 विद्युत चोरी के मामले पकडे जिन पर 01.05 करोड़ रूपये जुर्माना लगाया। इसके अतिरिक्त अजमेर शहर वृत में 95, अजमेर जिलावृत में 105, भीलवाड़ा में 279, चित्तौड़गढ़ में 429, सीकर में 205, उदयपुर में 205, राजसमंद में 74, बांसवाड़ा में 134, डुंगरपुर में 86, प्रतापगढ़ में 98 मामले व झुंझनु में 252 मामलें विद्युत चोरी के बनाए गए। इसके अतिरिक्त निगम की एम एण्ड पी विंग ने भी इस बार 262, प्रोजेक्ट विंग ने 94, स्टोर विंग ने 49 व विजिलेंस विंग ने 381 विद्युत चोरियां पकडी। इसके अतिरिक्त डिस्कॉम ने 420 जगह विद्युत के गलत इस्तेमाल के मामलें दर्ज किए जिसका 62.08 लाख रुपयों का जुर्माना लगाया गया।

प्रबन्ध निदेशक श्री वी.एस.भाटी ने बताया कि आने वाले समय में इस अभियान को और अधिक गति दी जाएगी, जिससे विद्युत छीजत में कमी की जाकर सरकार के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।

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