देश को आजादी दिलाने में भारत छोड़ो आंदोलन की विशेष भूमिका रही

विजय जैन
अजमेर । शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन ने कहा की देश को आजादी दिलाने में भारत छोड़ो आंदोलन की विशेष भूमिका रही है। अगर उस वक़्त ये आंदोलन शुरू नहीं होता तो शायद आज भी हम अंग्रेजों के गुलाम होते। 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज हुआ था। भारत छोड़ो आन्दोलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 9 अगस्त 1942 को शुरू किया गया था। भारत छोड़ो आंदोलन को इस वर्ष 78 साल पूरे हो गये हैं।

जैन रविवार को स्टेशन रोड स्थित शहीद स्मारक पर भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद कांग्रेसी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन आजादी की लड़ाई का एक आंदोलन था, जिसका लक्ष्य भारत से ब्रिटनी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रसिद्ध काकोरी काण्ड के ठीक सत्रह साल बाद 9 अगस्त सन 1942 को गांधीजी के आह्वान पर पूरे देश में एक साथ शुरू हुआ था। यह आंदोलन अंग्रेज साम्राज्य को भारत से बहार करने के लिए शुरू हुआ था,जो सफल भी हुआ।

उन्होंने कहां थी 8 अगस्त 1942 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नाम दिया गया था। हालांकि इसके तुरंत बाद गांधी जी को गिरफ़्तार कर लिया गया था लेकिन देश भर के युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फ़ोड़ की कार्रवाइयों के जरिए आंदोलन चलाते रहे। अंग्रेजों ने आंदोलन के प्रति भारतीयों पर काफ़ी सख्त रवैया अपनाया। लेकिन भारतीय भी डटे रहे, विद्रोह को दबाने में सरकार को साल भर से ज्यादा समय लग गया। लेकिन आख़िरकार कड़ी मुश्किलों के बाद अंग्रेजों ने भारत छोड़ा। 9 अगस्त यानि कल इसी आंदोलन की शुरूआत का दिन है। इस अवसर पर पूरा देश स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को भी याद किया जाएगा।

इससे पूर्व राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार स्वतंत्रता सेनानियों एवं वरिष्ठ कांग्रेसी जनों को सम्मानित करने के सिलसिले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रताप यादव मोहन लाल शर्मा सेवा दल की योगेंद्र सेन को साफा बांध माल्यार्पण कर स्वागत किया गया इससे पूर्व स्वतंत्र सेनानी शोभाराम गहरवार को घर पर जाकर विजय जैन द्वारा शॉल ओढ़ा साफा बांधकर श्रीफल भेंट किया गया।

श्रद्धांजलि एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महेंद्र सिंह रलावता अमोलक छाबड़ा श्याम प्रजापति दयानंद चतुर्वेदी मुजफ्फर भारती कैलाश कोमल इमरान सिद्दीकी राकेश सांखला सुकेश कांकरिया विपिन बेसिल अभिलाषा बिश्नोई मंजू सोनी महेंद्र जोधा गीता गुर्जर लक्ष्मी बुंदेल सागर मीणा दीनदयाल शर्मा मयंक टंडन मनीष सेठी अजय गुर्जर राजनारायण आसोपा मनोज कंजर राजेश गोडीवाल महेश चौहान सबा खान धर्मेंद्र शर्मा हमें जीता लोकेश शर्मा अंकुर त्यागी शिवराज गुर्जर बालमुकुंद टाक राकेश चौहान लक्ष्मी बुंदेल रमेश सोलंकी योगेंद्र गोठवाल राजेश गोयल ईश्वर टेहलियानी मनीष शर्मा सलीम सी के रश्मि हिंगोरानी योगेश ओबाना आरिफ खान हरिप्रसाद दिवाकर शहनाज आलम नीरज यादव मनोज सोनी प्रदीप त्रिपाठी मयंक टंडन सहित कांग्रेस कार्यकर्ता एवं नेता उपस्थित थे इससे पूर्व शहीद स्मारक पर सभी नेताओं ने देश के शहीदों को पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजलि अर्पित की।

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