मृत्युभोज पर लगाएं पाबन्दी, समझाएं और सख्ती करें

संभागीय आयुक्त ने की अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक व नागौर में कानून व शांति व्यवस्था की समीक्षा

अजमेर, 8 अक्टूबर। संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक ने संभाग के चारों जिलों के कलक्टर व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार मृत्युभोज पर पाबंदी लगाएं। इसके लिए समझाइश व सख्ती से काम लिया जाए। जिलों में कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए खतरा बनने वाले मुद्दों को पहले से ही चिन्हित कर लिया जाए ताकि समय रहते सुधार किया जा सके।

संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक ने आज अजमेर में संभाग के चारों जिलों की कानून व शांति व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने जिलावार चर्चा करते हुए कहा कि जिलों में कानून व शांति व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को चिन्हित कर योजनाबद्ध काम किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृत्युभोज के खिलाफ संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। प्रशासन और पुलिस गांवों और शहरों में मृत्युभोज पर रोक के लिए मिलकर काम करे। लोगों से समझाइश की जाए और फिर भी कोई ना माने तो उसके खिलाफ सख्ती हो।

संभागीय आयुक्त डॉ. मलिक एवं पुलिस महानिरीक्षक हवा सिंह घुमरिया ने निर्देश दिए कि अवैध बजरी खनन के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। बजरी माफिया की कमर तोड़ने के लिए लगातार कार्यवाही की जाए। प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग गम्भीरता से कार्यवाही करें।

उन्होंने कहा कि आईपीसी, स्थानीय व विशिष्ट अधिनियम, महिला अत्याचार, अनुसूचित जाति व जनजाति एक्ट से जुड़े मामलों में गम्भीरता से कार्यवाही हो। पुलिस व प्रशासन भविष्य में कानून व शांति व्यवस्था के लिए खतरा बनने वाले मुद्दों को पहचान कर कार्यवाही करें। जिला व उपखण्ड स्तर पर शांति समितियों की बैठक लगातार की जाए ताकि समन्वय बना रहे।

उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर रोक के लिए काम करने, महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध अत्यचारों की रोकथाम, मिलावट के विरुद्ध अभियान तथा डीएमएफटी योजना के तहत कायोर्ं की भी समीक्षा की। बैठक में जिला कलक्टर अजमेर श्री प्रकाश राजपुरोहित, भीलवाड़ा श्री शिवप्रकाश नवाते, टोंक श्री गौरव अग्रवाल, नागौर श्री जितेंद्र सोनी, पुलिस अधीक्षक अजमेर श्री कुंवर राष्ट्रदीप सहित नागौर, टोंक व भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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