हमारी संस्कृति और विरासत के महत्व को रेखांकित करने वाले उक्त विचार जिलाधीश महोदय द्वारा नगर के जागरूक नागरिक एवं भारतीय जीवन बीमा निगम के सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक बीएल सामरा से मुलाकात के दौरान व्यक्त किए गये ।
जिलाधीश कार्यालय में सामरा ने उनसे भेंट कर, उन्हें अपनी विशिष्ट अभिरुचि से अवगत कराया और अपने संग्रह के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सेवारत रहते हुए भी उन्होने अपनी अभिरुचि को कायम रखा और विरासत के वारिस बनकर उसकी सुरक्षा में पिछले 50 वर्षों से जी जान से जुटे हुए हैं। जिलाधीश महोदय ने उनके संग्रह और अभिरुचि की सराहना करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति तभी जीवित है ,जब हमारी विरासत जिंदा है ।उन्होंने सामरा से अपने संग्रह को व्यवस्थित रुप से प्रदर्शित करने हेतु एक संस्था अथवा ट्रस्ट का गठन कर संग्रहालय की स्थापना हेतु प्रेरित किया और जिला प्रशासन द्वारा इस दिशा में सहयोग का आश्वासन दिया । उन्होंने कहा कि विरासत सुरक्षित है , तभी संस्कार और संस्कृति सुरक्षित रह सकती है और नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति की विरासत से रूबरू करवाने के लिए विरासत की हिफाजत अत्यंत आवश्यक है ,अन्यथा आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी ।इस अवसर पर बी एल सामरा द्वारा जिलाधीश महोदय का आभार व्यक्त किया।