अयोध्या में मंदिर निर्माण पर संतों ने जताई खुशी, निधि समर्पण के लिए किया प्रेरित

ब्यावर, 13 जनवरी। अयोध्या के जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण पर ब्यावर के संत समाज ने हर्ष जताया है। एक परिचर्चा में संतों ने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्श प्रत्येक समाज के लिए पूजनीय एवं हिन्दू एकता के लिए महत्वपूर्ण है। श्री राम मंदिर निर्माण निधि संग्रह समिति के सह प्रचार प्रमुख सुमित सारस्वत ने बताया कि संतों ने श्रीराम द्वारा स्थापित सामाजिक सद्भावना के दृश्यों का वर्णन करते हुए सभी समाज व आमजन को निधि समर्पण अभियान में तन मन धन से सहयोग करने के लिए मार्गदर्शन दिया। संतों ने लोगों को सेवा कार्य के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि निधि समर्पण के जरिए श्रीराम मंदिर से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सहयोग राशि कितनी भी हो, लेकिन सबका जुड़ाव होना चाहिए।
संत केवलराम रामस्नेही ने कहा कि ‘भारत धर्मधरा है और यहां की संस्कृति देव संस्कृति है। धर्म की रक्षा के लिए भगवान श्रीराम का अवतार हुआ था। ऐसे मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु का अयोध्या में भव्य मंदिर बनने जा रहा है। भक्तों के निधि समर्पण सहयोग से एक नया इतिहास बनेगा। जब भी वहां दर्शन करने जाएंगे तो महसूस होगा कि यह मंदिर मेरे सहयोग से बना है।’
महंत द्वारकागिरी महाराज ने कहा कि ‘भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम राष्ट्रपुरुष हैं व उनका मंदिर राष्ट्र मंदिर कहलाएगा। समस्त हिदू जनमानस को कण-कण एवं क्षण-क्षण लगाकर भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक श्रीराम मंदिर को भव्यता प्रदान करने में जुड़ना चाहिए। निधि संग्रह देश को सांस्कृतिक एकता में बांधने की एक मुहिम है। इसमें हर व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए।’
महंत फतेहगिरी महाराज ने कहा कि ‘प्रभु श्रीराम हम सभी के आदर्श हैं। सतयुग में तो श्रीराम को मात्र 14 वर्ष का वनवास हुआ था, परंतु कलयुग में उन्हें माता सीता के साथ अपने भवन में विराजमान होने के लिए 492 वर्ष लग गए। जो भी भगवान श्रीराम के प्रति आस्था और उनके प्रति समर्पण का भाव रखता है, उसे इस अभियान से जुड़ना चाहिए।’

सुमित सारस्वत
सह प्रचार प्रमुख
श्री राम मंदिर निर्माण निधि संग्रह समिति

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