पिछड़े ग्रामीण विद्यार्थियों के सहयोग में जुटे आर्टिस्ट मनीष ढाका

नवोदय विद्यालय के पूर्व छात्र ,सीकर निवासी आर्टिस्ट मनीष ढाका ने लॉकडाउन की भांति इस बार भी अपनी कला के बलबूते बहुत छोटी सी उम्र में समाजसेवा हेतु आवश्यक कदम उठाने की पहल पर केवल 4 से 5 घण्टे सोकर दिन-रात कार्य शुरू कर दिया है।
मनीष को पेंटिंग के क्षेत्र में अब तक अनेकों राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय पुरूस्कारों से नवाजा जा चुका है। समाज सेवा के क्षेत्र में भी इनको सम्मानित किया जा चुका है। बीते वर्ष मनीष ने अपनी कुछ पैंटिंग बेचकर कला अकादमियों में सहयोग के रूप में दी। वही मनीष ने रंगोली और मास्क पैंटिंग के द्वारा भी आमजन को महामारी से सुरक्षित और सचेत रहने का संदेश भी दिया।
*खास वार्ता में ढाका ने बताया कि वर्तमान में वो दिन-रात मेहनत करके कुछ स्केच बनाने में जुटे हैं। सामान्यतः वो किसी स्केच बनाने का पैसा नहीं लेते परन्तु इस बार वो इन स्कैच को बनाने हेतु 700₹ की छोटी सी राशि ले रहे हैं जिसको वो जल्द ही ग्रामीण बच्चे जो कि आर्थिक असुरक्षा से जूझ रहे हैं किंतु कला के क्षेत्र में अपना भविष्य संवारना चाहते हैं , उनकी सभी आधारभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति हेतु पूर्ण पारदर्शिता के साथ खर्च करेंगे। हालांकि 700₹ की राशि एक व्यवसायिक चित्रकार के लिए बहुत कम है क्योंकि एक अच्छा स्कैच बनाने में लगभग 1 दिन का समय खपत हो जाता है। मनीष का कहना है कि अगर ग्रामीण बच्चों को थोड़ा आर्थिक और मानसिक संबल दिया जाए तो वो किसी अवसर के मोहताज नहीं हैं। इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि संकट को विकल्प में बदलना बहुत आवश्यक है । महामारी के इस समय का सदुपयोग,सुरक्षा और बचाव ही हमें एक नई एवं उज्ज्वल दशा और दिशा दे सकता है। मनीष एक अच्छे चित्रकार के साथ-साथ एक अच्छा समाजसेवक भी बनना चाहते हैं।*
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