माँ (Mother’s Day) Part 2

dr. j k garg
माँ हमेशा आपकी शरारतों पर पर्दा डालती है लेकिन जब भी आप कभी किसी मैडम से ग़लत तरीके से बात करते हैं, तो वो माँ ही होती है जो आपको मैडम से माफ़ी मांगने के लिए कहती है | याद कीजिये उस रात को जब आप बुखार में तप रहे थे और माँ आपके सिरहाने बैठ कर आपके तपते सिर पर पट्टी रख रही थी? सुबह बोर्ड की परीक्षा आपका इंतज़ार कर रही थी उस वक्त माँ की उस पट्टी और हौसला अफ्ज़ाई ने आपको परीक्षा के लिए तैयार किया था | अब चाहे आप ईश्वर पर विश्वास न करेते हों, लेकिन बचपन में आपको जब रात में डर लगता था. तो वो माँ ही थी जिसने आपको भगवान का नाम जपने को कहा था और उसके कारण आप डर से मुक्त हो गए थे | इंसान सबसे ज्यादा हालातों से सीखता है पर माँ हमें उन हालातों से निपटना सिखाती है |

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