कोरोना जागरूकता हेतु नाट्यवृंद का अभियान जारी

वर्तमान विकट समय में आमजन को कोरोना से डरने के बजाय उसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नाट्यवृंद संस्था द्वारा ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम की श्रंृखला आरंभ की गई है। इसमें विविध क्षेत्रों के प्रबुद्धजनों के अनुभव एवं विचारों के माध्यम से अवसाद के इस वातावरण में स्वस्थ व खुश रहने के सूत्र लोगों तक पहुँचाने का प्रयत्न किया जा रहा है। आज द्वितीय सत्र में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ तरूण सक्सेना ने कहा कि मानव शरीर में तापमान 98.4डिग्री पर स्थिर बना रहता है। इसे बनाये रखने के लिए सर्दी में ऊर्जा संग्रहित होती है और गर्मी में श्वासनलियों के द्वारा व पसीने के रूप में बाहर निकलती है। गर्मी में गरम पानी, काढ़ा या गर्म पदार्थाें का सेवन करने से श्वासनलियों में अत्यधिक ऊर्जा आ जाने से सूजन आ जाती है, इससे कोरोना बीमारी ठीक होने में परेशानी आ जाती है। अतः गर्मी में गर्म पदार्थाें के सेवन से बचना चाहिए और तरबूज, खरबूजा आदि मौसम के अनुकूल फलों व नरियल पानी, छाछ, पोदीना आदि ठंडे पदाथों का सेवन करना चाहिए। संस्कृति चिंतक पद्मश्री निवेदिता रघुनाथ भिडे ने कहा कि भारत ने अनेक संकटों का सामना किया है इसलिए इस बार भी हम निश्चित ही जीतेंगे। याद रखें मन के हारे हार है मन के जीते जीत। फैंफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपनी प्राणशक्ति को वाइब्रेंट करने के लिए नियमित प्राणायाम और ओंकार पठन करना चाहिए।
वेदान्ताचार्य स्वामी शिवज्योतिषानन्द ने बताया कि वर्तमान समय में मानसिक तौर पर मजबूत रहने की आवश्यकता है, इसके लिए ग्रहवास में रहकर योग-ध्यान व धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते हुए आत्मबल और आन्तरिक सुख को जाग्रत करें। भय का त्याग कर सदैव स्वस्थ रहने का हौसला बनाये रखें। हास्य कवि रासबिहारी गौड़ ने कोरोना से जीत के अपने अनुभव बताते हुए कहा कि इस अप्रिय समय से लड़ने का कारगर उपकरण यथासमय सचेत होना है। रोग के दौरान अभिरूचि में मन लगाते हुए विषाद को पास न आने दें। जीवन पथ पर रिश्ते और दुआएं कमाते चलें, ऐसे कई उदाहरण हैं जब नोटों से भरे थैले की कीमत पर भी दो घूंट ऑक्सीजन नहीं मिली पर रिश्तों की दौलत से हवाएं दरवाजों को बुहार रही थीं। कथावाचक पं. मिश्राजी के अनुसार पद्मपुराण में वर्णित अपामार्जन स्त्रोत का पाठ करने से समस्त रोग व दोषों का नाश होता है। इनके विस्तृत आलेख संस्था के फेसबुक पेज पर पढ़े जा सकेंगे।

-उमेश कुमार चौरसिया, संयोजक

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